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ज्यादा उपज वाली जलवायु अनुकूल बीजों की 109 किस्में जारी, PM मोदी ने किसानों और वैज्ञानिकों से की बातचीत

प्रधानमंत्री ने दिल्ली के पूसा परिसर में 3 प्रायोगिक कृषि भूखंडों पर बीजों को पेश किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत भी की।

Last Updated- August 11, 2024 | 9:58 PM IST
109 varieties of high yielding climate friendly seeds released, PM Modi interacted with farmers and scientists ज्यादा उपज वाली जलवायु अनुकूल बीजों की 109 किस्में जारी, PM मोदी ने किसानों और वैज्ञानिकों से की बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कृषि और बागवानी फसलों की उच्च उपज वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-सुदृढ़ीकृत बीजों की 109 किस्मों को जारी किया। इसमें अधिक बारिश वाले इलाकों के अनुकूल बीटी कपास और ज्यादा पैदावार देने वाली मूंग की किस्म भी शामिल है। सरकारी बयान में कहा गया है कि इस पहल का उद्देश्य कृषि उत्पादकता और किसानों की आय को बढ़ाना है।

इन किस्मों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने विकसित किया है और ये कुल 61 फसलों से संबंधित हैं। इनमें 34 खेतों में लगाई जाने वाली और 27 बागवानी की फसलें हैं।

बागवानी फसलों में प्रधानमंत्री ने नए किस्म के फलों, सब्जियों, पौधरोपण फसलों, ट्यूबर्स, मसालों, फूलों और औषधीय पौधों के बीज जारी किए हैं। वहीं खेत वाली फसलों में मोटे अनाज, श्रीअन्न, चारा वाली फसलों, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास और रेशे वाली फसलों की नई किस्में जारी की गई हैं।

प्रधानमंत्री ने दिल्ली के पूसा परिसर में 3 प्रायोगिक कृषि भूखंडों पर बीजों को पेश किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत भी की।

बयान के अनुसार मोदी ने किसानों के साथ इन नई किस्मों के महत्त्व पर चर्चा करते हुए कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्त्व पर जोर दिया। इस अवसर पर मौजूद किसानों ने कहा कि 61 फसलों से संबंधित ये नई किस्में कम लागत के कारण उनके लिए अत्यधिक लाभकारी होंगी।

प्रधानमंत्री ने श्रीअन्न के महत्त्व पर चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि लोग किस तरह पौष्टिक भोजन का रुख कर रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों और जैविक खेती के प्रति आम लोगों की बढ़ती रुचि के बारे में भी बात की। मोदी ने कहा कि लोगों ने जैविक खाद्य पदार्थों का उपभोग और मांग करना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयासों और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की भूमिका की भी सराहना की। मोदी ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को सक्रिय रूप से बताना चाहिए।

First Published - August 11, 2024 | 9:58 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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