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टमाटर के बाद अब चने पर भी महंगाई की मार, त्योहारी सीजन बड़ी वजह

कारोबारियों का कहना है कि चने की कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह त्योहारी सीजन से पहले मिलों की ओर से बढ़ी मांग और इसका स्टॉक कम होना है

Last Updated- August 14, 2023 | 11:13 PM IST
Chana import duty

टमाटर के बाद अब चना पर भी महंगाई का रंग चढ़ने लगा है। कई हफ्तों तक स्थिर रहने के बाद सबसे अधिक खपत वाली दालों में से एक चने के भाव भी अब बढ़ने लगे हैं। यह सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है।

हाल में टमाटर के खुदरा भाव 242 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई थीं। हालांकि राहत यह है कि अरहर और उड़द जैसी अन्य दालों की तुलना में राज्य एजेंसियों के पास चने का पर्याप्त स्टॉक है। इससे चने की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि सरकार के पास चने के स्टॉक के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन व्यापार और बाजार सूत्रों के अनुसार यह लगभग 35 से 36 लाख टन है।

लंबे समय बाद चना वर्ष 2023—24 के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,335 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से ऊपर बिक रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इससे कितने किसानों को लाभ होगा क्योंकि आमतौर पर चने की कटाई मार्च में ही खत्म हो जाती है।

कारोबारियों का कहना है कि चने की कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह त्योहारी सीजन से पहले मिलों की ओर से बढ़ी मांग और इसका स्टॉक कम होना है। कुछ कारोबारियों का यह भी मानना है कि अरहर और उड़द की कीमतों में आई तेजी का असर चने की कीमतों पर भी पड़ रहा है।

कारोबारियों के अनुसार प्रमुख खपत केंद्रों पर एक जुलाई से 12 अगस्त के बीच देसी चना के भाव 12 फीसदी बढ़ चुके हैं। इस दौरान काबुली चने की कीमतों में प्रमुख कारोबारी केंद्रों पर 14 से 29 फीसदी इजाफा हुआ है। इसी अवधि में बेसन के भाव 10 से 12 फीसदी बढ़े हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक जुलाई से 12 अगस्त के बीच दिल्ली में चना दाल की थोक कीमत 5,750 रुपये से बढ़कर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जाहिर है, इस दौरान चना दाल 11.3 फीसदी महंगी हो चुकी है। इस साल जनवरी में चने की खुदरा महंगाई 1.18 फीसदी थी, जो जून में बढ़कर 2.97 फीसदी हो गई। इस दौरान अरहर की खुदरा महंगाई 10.94 फीसदी से बढ़कर 27.50 फीसदी हो गई।

कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी स्टॉक से जो चना बाजार में उतारा जाता है, उसकी कीमतों में भी बीते कुछ सप्ताह में संशोधन हुआ है। पिछली बिक्री की तुलना में अब भाव 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल अधिक हैं। तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक फसल वर्ष 2022—23 में चना का उत्पादन 135.4 लाख टन है, जो पिछले फसल वर्ष के बराबर ही है।

First Published - August 14, 2023 | 11:13 PM IST

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