facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव, शक्कर हो गई सस्ती ?

भारत में चीनी की कीमतें पर्याप्त आपूर्ति के कारण 1-1/2 साल में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। थोक चीनी की कीमतें पिछले चार महीनों में लगभग 8% कम हुई हैं।

Last Updated- December 05, 2024 | 4:33 PM IST
Sugar prices in India at lowest level in 1-1/2 years due to adequate supply भारत में चीनी की कीमतें पर्याप्त आपूर्ति के कारण 1-1/2 साल में अपने सबसे निचले स्तर

भारत में शक्कर/ चीनी की कीमतें 18 महीनें के अपने निम्मतम् स्तर पर हैं। बाजार में चीनी की कीमतों के कम होने से चीनी मिलों को अब गन्ना किसानों को भुगतान करने में मुश्किलें आ रहीं हैं। चीनी उद्योग के अधिकारियों ने न्यूज़ एजेंसी को बताया कि भारत में चीनी की कीमतें पर्याप्त आपूर्ति के कारण 1-1/2 साल में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं, जिससे मिलों के लिए किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि पेराई सत्र जोर पकड़ रहा है। कीमतों में गिरावट के कारण उद्योग घाटे को सीमित करने के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में तत्काल संशोधन की मांग कर रहा है, जिससे मिलों के मार्जिन में सुधार होगा और वे लाखों गन्ना उत्पादकों को समय पर गन्ना भुगतान कर सकेंगे।

वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.बी. थोम्बरे ने कहा, “चीनी की कीमतें उत्पादन लागत से भी नीचे गिर गई हैं। इससे मिलों के लिए संशोधित गन्ना मूल्य का भुगतान करना मुश्किल हो जाता है, जब तक कि चीनी की कीमतें नहीं बढ़ जातीं।” पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर में थोक चीनी की कीमतें पिछले चार महीनों में लगभग 8% गिरकर 33,675 रुपये ($397.60) प्रति टन हो गई हैं, जो जून 2023 के बाद से सबसे कम है।
थोम्बरे ने कहा कि सरकार को चीनी मिलों के लिए गन्ना पेराई को व्यवहार्य बनाने के लिए एमएसपी को जल्द ही 40,000 रुपये प्रति टन से ऊपर ले जाना चाहिए।

भारतीय व्यापार निकाय एमएसपी में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि सरकार ने हाल के वर्षों में गन्ने का अनिवार्य खरीद मूल्य बढ़ाया है जबकि एमएसपी 2019 से अपरिवर्तित बनी हुई है।
बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक जैन ने कहा कि त्योहारी सीजन के बाद मांग में कमी आने और नए सीजन की आपूर्ति शुरू होने से चीनी की कीमतें गिर रही हैं।

एक प्रमुख उद्योग निकाय ने कहा कि भारतीय मिलों ने 1 अक्टूबर को चालू सीजन शुरू होने के बाद से 2.79 मिलियन मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 35.4% कम है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बनाम शक्कर की कीमत

जब बाजार में शक्कर के दामों में आई गिरावट के बारे में पूछा गया, तो चौंकाने वाला कारण सामने आया।
मुंबई के एक व्यापारी ने बताया कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मिलों ने आवंटित राशि से ज़्यादा चीनी बेची है, क्योंकि राजनेताओं द्वारा नियंत्रित मिलों को चुनाव प्रचार के लिए धन की ज़रूरत थी। “पिछले दो महीनों में बाज़ार चीनी से भर गया था। इसी वजह से मिलें अब कम कीमतों पर भी चीनी बेचने के लिए संघर्ष कर रही हैं,” व्यापारी ने बताया।

First Published - December 5, 2024 | 4:33 PM IST

संबंधित पोस्ट