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Crude Oil Import: रूस से कच्चे तेल पर मिली भारी छूट, घटा कच्चे तेल का आयात बिल

यह लगातार दूसरा साल है, जब आयात की मात्रा महामारी के पहले के स्तर से ऊपर बनी हुई है। 2019-20 में आयात 22.69 करोड़ टन था, जो 2020-21 में घटकर 19.64 करोड़ टन रह गया था।

Last Updated- April 17, 2024 | 10:41 PM IST
Import more crude grades to cut basket price: Parliamentary panel

रूस से आयातित कच्चे तेल पर मिली भारी छूट के कारण भारत के कच्चे तेल के आयात का बिल वित्त वर्ष 2023-24 में 15.9 प्रतिशत घटकर 132.4 अरब डॉलर रह गया है, जो इसके पहले वित्त वर्ष में 157.5 अरब डॉलर था। हालांकि ताजा आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि आयात की मात्रा पिछले वित्त वर्ष के स्तर पर बरकरार है। वित्त वर्ष 2023 में कच्चे तेल के आयात बिल में 30.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

बुधवार को पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनॉलिसिस सेल (पीपीएसी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत ने मात्रा के हिसाब से वित्त वर्ष 2024 में 23.25 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया है, जो इसके पहले के वित्त वर्ष में हुए आयात के करीब बराबर ही है। यह वित्त वर्ष 2023 में हुए आयात की तुलना में 0.1 प्रतिशत कम है।

यह लगातार दूसरा साल है, जब आयात की मात्रा महामारी के पहले के स्तर से ऊपर बनी हुई है। 2019-20 में आयात 22.69 करोड़ टन था, जो 2020-21 में घटकर 19.64 करोड़ टन रह गया था।

बहरहाल भारत की आयात पर निर्भरता वित्त वर्ष 2024 में नई ऊंचाई 87.7 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसके पहले के दो वर्षों के 87.4 और 85.5 प्रतिशत की तुलना में अधिक है। पेट्रोलियम उत्पादों की खपत की गणना के आधार पर मार्च महीने में कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता बढ़कर 88 प्रतिशत हो गई।

मार्च में कच्चे तेल के आयात का बिल 4.4 प्रतिशत घटकर 30 अरब डॉलर हो गया, जो मार्च 2023 के 20.9 अरब डॉलर की तुलना में कम है। तेल के आयात व निर्यात पर नजर रखने वाले लंदन के कमोडिटी डेटा एनॉलिटिक्स प्रोवाइडर वोर्टेक्सा के अनुमान के मुताबिक मार्च में लगातार 18वें महीने रूस सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश बना रहा। प्रतिदिन 13.6 लाख बैरल आयात के साथ फरवरी की तुलना में मार्च में रूस से आयात 7 प्रतिशत बढ़ा है।

विश्लेषकों ने पहले अनुमान लगाया था कि अमेरिका द्वारा रूस के प्रमुख टैंकर ग्रुप सोवकॉम्फ्लोट पर 23 फरवरी को लगाए गए नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद आयात कम रहेगा। इसकी घोषणा यूक्रेन पर रूस के हमले के दो साल पूरे होने के मौके पर की गई थी। बहरहाल भारत को रूस मिलने वाली औसत छूट अब निचले स्तर पर पहुंच गई है।

First Published - April 17, 2024 | 10:41 PM IST

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