facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Currency depreciation: डॉलर के मुकाबले रुपया 83.66 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर

मंगलवार को रुपया 83.58 प्रति डॉलर पर पर बंद हुआ था। मुद्रा बाजार बुधवार को मुहर्रम की वजह से बंद था।

Last Updated- July 18, 2024 | 10:57 PM IST
Reserve Bank of India's dollar sale helped the rupee recover from the new low of 84.76 रिजर्व बैंक के डॉलर बिक्री से रुपये में आया सुधार, 84.76 के नए निचले स्तर से उबरने में मिली मदद

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर बंदी के नए निचले स्तर 83.66 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। डीलरों ने गुरुवार को हुई इस गिरावट की वजह डॉलर सूचकांक की मजबूती और कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी बताई है। रुपया इसके पहले 20 जून को एक दिन के रिकॉर्ड निचले स्तर 83.67 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंचा था।

इसके पहले का बंदी का निचला स्तर भी उसी दिन का 83.65 रुपये प्रति डॉलर का है। मंगलवार को रुपया 83.58 प्रति डॉलर पर पर बंद हुआ था। मुद्रा बाजार बुधवार को मुहर्रम की वजह से बंद था।

एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनॉलिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘अस्थिरता और वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं के कारण रुपया 8 पैसे कमजोर होकर 83.66 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

भारत के बाजारों में कुल मिलाकर सकारात्मक धारणा के बावजूद अमेरिका और चीन के व्यापार में अनिश्चितता के कारण रुपया कमजोर हुआ है। ट्रंप के फिर से चुनकर सत्ता में आने की संभावना के बीच इसमें फिर बढ़ोतरी हो सकती है। बहरहाल रिजर्व बैंक के मानकों और हस्तक्षेपों के कारण रुपया स्थिर बना हुआ है।

अभी सबकी नजरें केंद्रीय बजट पर टिकी हुई हैं। व्यय और आय के आंकड़ों से रुपये में एक बार फिर उतार चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है।’डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 103.83 पर कारोबार कर रहा था। इससे 6 मुद्राओं के बॉस्केट में डॉलर की मजबूती का पता चलता है।

एक बड़े सरकारी बैंक से जुड़े डीलर ने कहा, ‘कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आयातक डॉलर खरीद रहे थे। अगला पड़ाव 83.72 रुपये प्रति डॉलर का हो सकता है।’ बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर की बिकवाली करके विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, इसकी वजह से रुपये में और गिरावट को रोका जा सका।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक और कोषागार के प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘डॉलर और रुपये के कारोबार में करीब रोज ही तेल कंपनियों की ओर से या सरकार के ऋण भुगतान या रक्षा या एफपीआई की ओर से मांग आ रही है। आज रक्षा सौदा प्रमुख था, जिसकी वजह से तेजी आई।

रिजर्व बैंक ने 83.60 रुपये प्रति डॉलर पर हस्तक्षेप किया और बाद में 83.66 रुपये प्रति डॉलर पर हस्तक्षेप किया। करीब 50 करोड़ का हस्तक्षेप हुआ, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था।’चालू वित्त वर्ष के दौरान रुपये में 0.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान 0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

First Published - July 18, 2024 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट