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सरकार को अनुकूल तापमान की वजह से गेहूं की फसल अधिक रहने की उम्मीद

Last Updated- December 22, 2022 | 7:33 PM IST
Wheat

कृषि सचिव मनोज आहूजा ने गुरुवार को कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की अच्छी संभावना है क्योंकि मौजूदा तापमान पौधों के बढ़ने और अधिक उपज की दृष्टि से अनुकूल बना हुआ है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर से शुरू हुए रबी सत्र में पिछले हफ्ते तक गेहूं खेती का रकबा तीन प्रतिशत बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया।

अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष, 2023 से पहले अपने निवास पर केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा आयोजित मोटा अनाज भोज के मौके पर आहूजा ने कहा, ‘गेहूं की फसल की संभावना अच्छी है। मौजूदा मौसम पौधों के विकास और बेहतर पैदावार के लिए अनुकूल है।’ उन्होंने कहा कि बेहतर मौसम की स्थिति और फसल के अधिक रकबे के कारण फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह अबतक गेहूं उत्पादक राज्यों से अत्यधिक तापमान की कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि यह फसल की संभावनाओं के लिए शुभ संकेत है। मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि निर्यात मांग होने के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत मिलने की उम्मीद में किसानों ने इस साल अधिक रकबे में गेहूं फसल की बोआई की है।

फसल वर्ष, 2021-22 में, कुछ उत्पादक राज्यों में लू चलने के कारण घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से गिरकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया। नतीजतन, घरेलू उत्पादन में कमी और निजी कंपनियों की आक्रामक खरीद के कारण सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की खरीद अपने पिछले वर्ष के 434.44 लाख टन से घटकर विपणन वर्ष 2022-23 में 187.92 लाख टन रह गई। इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

First Published - December 22, 2022 | 6:13 PM IST

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