facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

गुड़ और खांडसारी इकाइयों पर सख्ती करेगी सरकार

भारत की सालाना करीब 31 प्रतिशत गन्ना उत्पादन की खपत गुड़ और खांडसारी इकाइयों में होती है।

Last Updated- May 01, 2025 | 11:47 PM IST
Jaggery costlier due to increase in demand amid production being affected

केंद्र सरकार ने बड़ी गुड़ और खाड़सारी इकाइयों और बेलगाम चीनी मिलों की लगाम कसने के लिए 1966 के चीनी नियंत्रण आदेश में संशोधन अधिसूचित करने का फैसला किया है।

इसमें संशोधन कर केंद्र सरकार 500 टन पेराई प्रतिदिन (टीसीडी) करने वाली 66 बड़ी गुड़ और खांडसारी इकाइयों को चीनी नियंत्रण आदेश के दायरे में लाएगा। इनमें से ज्यादातर इकाइयां उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हैं। इस संशोधन की बदौलत गन्ना किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित हो पाएगा और इससे चीनी उत्पादन का सही अनुमान लगाने में भी मदद मिलेगी। भारत की सालाना करीब 31 प्रतिशत गन्ना उत्पादन की खपत गुड़ और खांडसारी इकाइयों में होती है।

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया, ‘इस संशोधन का उद्देश्य चीनी क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले नियामकीय ढांचे को वर्तमान उद्योग की गतिशीलता और प्रौद्योगिकी में आए बदलाव के अनुरूप सरल और कारगर बनाना है।’ सचिव ने बताया कि इन्हें शामिल करने से गन्ना किसानों को खांडसारी इकाइयों से उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) हासिल हो पाएगा और इसके अलावा चीनी उत्पादन का बेहतर अनुमान हासिल होगा।

खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि देश में 373 खांडसारी इकाइयों की कुल क्षमता करीब 95,000 टन पेराई प्रतिदिन है। श्रीवास्तव ने बताया, ‘इनमें से 66 इकाइयों की क्षमता 500 टीसीडी से अधिक है। इन इकाइयों को इस आदेश के तहत विनियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों को नैशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) के तहत पंजीकृत किया जाएगा।’ इन इकाइयों को दो माह में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत करना होगा। इस आदेश में विभिन्न उप उत्पादों में गन्ने की खोई, गुड़, गुड़ की ढेली और ऐथनॉल शामिल हैं।  

संशोधित आदेश में विभिन्न चीनी उत्पादों के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की परिभाषाएं अपनाई गई हैं और इसमें चीनी मूल्य विनियमन से संबंधित खंड शामिल हैं। इससे पहले वे अन्य आदेश का हिस्सा होती थीं।

चीनी का निर्यात : भारत की चीनी मिलें 2025-26 के सत्र में कम मांग के कारण आबंटित 10 लाख टन की जगह 8 लाख टन चीनी का निर्यात ही कर सकती हैं। इसमें से शेष 2 लाख टन चीनी की खपत देश में हो जाएगी। अभी तक 30 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है।

राशन में गेहूं आपूर्ति बहाली की समीक्षा

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि केंद्र मौजूदा खरीद अभियान के समाप्त होने के बाद और निर्यात की अनुमति देना संभव नहीं होने की स्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गेहूं आबंटन पात्रता बहाली के बारे में समीक्षा करेगा।

उन्होंने बताया कि केंद्र ने अभी तक 256 लाख टन गेहूं की खरीद की है और यह बीते साल की इस अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।

उत्तर प्रदेश में बीते साल की तुलना में खरीद बेहतर है लेकिन यह लक्ष्य 30 लाख टन से कम है। 

First Published - May 1, 2025 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट