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तेल फर्मों का घाटा कम होने की उम्मीद

विपणन कंपनियों को मार्जिन में सुधार आने से राहत मिलने की संभावना है

Last Updated- January 05, 2023 | 10:51 PM IST
Earnings of oil marketing companies will increase in the fourth quarter!

विश्लेषकों का मानना है कि वै​श्विक उतार-चढ़ाव की वजह से दो चुनौतीपूर्ण तिमाहियों तक मुनाफा-मार्जिन संबं​धित दबाव के बाद अब वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में भारतीय तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के परिचालन नुकसान में कमी आ सकती है।

उनका कहना है कि कंपनियों को कम विपणन नुकसान और ऊंचे सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) की वजह से कुछ मदद मिलेगी, क्योंकि कच्चे तेल की अपूर्ति में वै​श्विक तौर पर समस्याएं बनी हुई हैं। नवंबर के अंत से, पेट्रोल और डीजल के लिए मिश्रित विपणन मार्जिन में सुधार आया है। विश्लेषकों का कहना है कि मार्जिन दिसंबर में बढ़कर 2.5 रुपये प्रति लीटर के 10 महीने ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।

दो तिमाहियों में कमजोरी दर्ज करने के बाद पेट्रोल पर विपणन मार्जिन वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में सुधर कर करीब 10 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया।

प्रभुदास लीलाधर के शोध विश्लेषक अविषेक दत्ता ने कहा, ‘तीसरी तिमाही में मिश्रण संबं​धित नुकसान दूसरी तिमाही के 8.7 रुपये के मुकाबले घटकर 3 रुपये रहने का अनुमान है।’ मौजूदा रुझानों से संकेत मिलता है कि ओएमसी का मिश्रित विपणन लाभ (मौजूदा समय में 1.5 रुपये प्रति लीटर) चौथी तिमाही में सुधरने की संभावना है।

मजबूत जीआरएम

हाल के महीनों में, विपणन सेगमेंट में नुकसान की कुछ हद तक भरपाई वित्त वर्ष 2023 में मजबूत जीआरएम की वजह से हुई है। जीआरएम वह रा​शि होती है जो तेल कंपनियां प्रत्येक बैरल कच्चा तेल परिष्कृत ईंधन उत्पाद में तब्दील होने के बाद प्राप्त करती हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, तीसरी तिमाही में औसत जीआरएम तीन ओएमसी के लिए 13-16 डॉलर प्रति बैरल रहा।

मोतीलाल ओसवाल सिर्च ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन मजबूत जीआरएम की सबसे बड़ी लाभार्थी है, जबकि सबसे ज्यादा विपणन संबं​धित खर्च हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को प्रतिकूल ​​​स्थिति में ला दिया है।

रूस में आपूर्ति अवरोधों और चीन से पेट्रोलियम उत्पादों के कम निर्यात की वजह से परिष्कृत उत्पादों की आपूर्ति घटने से भारतीय रिफाइनर कंपनियों को अपनी आय बढ़ने की संभावना है।

आपूर्ति संबं​​धित लॉजि​स्टिक समस्याएं इंडियनऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, और एचपीसीएल जैसी ओएमसी के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं, क्योंकि यूक्रेन पर हमले के बाद से प​श्चिमी देशों और रूस के बीच राजनयिक गतिरोध बरकरार है।

First Published - January 5, 2023 | 10:44 PM IST

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