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Rice Export: गैर बासमती चावल का निर्यात घटकर रह सकता है 4 साल के निचले स्तर पर

Rice Export: वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जनवरी अवधि में गैर बासमती चावल का निर्यात करीब 37 फीसदी घटकर 91.26 लाख टन रह गया है।

Last Updated- March 12, 2024 | 4:39 PM IST
Basmati rice stuck in Iran-Israel war, 1.5 lakh tonnes of goods stuck at ports: Prices fell by 12%
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Rice Export: चालू वित्त वर्ष में गैर बासमती चावल के निर्यात में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। गैर बासमती चावल का निर्यात बीते 4 वित्त वर्ष में सबसे कम रह सकता है। इसकी वजह चावल के दाम नियंत्रित करने घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए कुछ गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगाई गई पाबंदी है। गैर बासमती चावल के उलट विदेशों में भारतीय बासमती चावल की मांग बढ़ रही है। जिससे इस चावल के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

कितना कम हुआ गैर बासमती चावल का निर्यात ?
कृषि और प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जनवरी में 91.26 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 145.65 लाख टन था। इस तरह चालू वित्त वर्ष के 10 महीने में गैर बासमती चावल के निर्यात में 37.34 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। गैर बासमती चावल का निर्यात घटने की वजह सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई महीने में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना है। इस चावल की कुल गैर बासमती चावल में 25 फीसदी हिस्सेदारी है।

4 चार से निचले स्तर पर पहुंच सकता है गैर बासमती चावल का निर्यात
इस चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले गैर बासमती चावल का निर्यात तेजी से बढ़ रहा था। लेकिन प्रतिबंध के बाद इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष में गैर बासमती चावल का निर्यात बीते 4 वित्त वर्ष में सबसे कम रह सकता है। वर्ष 2023-24 में गैर बासमती चावल का निर्यात 105 से 110 लाख टन रहने की संभावना है, जबकि वर्ष 2022-23 में 177.86 लाख टन, वर्ष 2021-22 में 172.62 लाख टन, वर्ष 2020-21 में 131.49 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था।

कितना बढ़ा बासमती चावल का निर्यात?
गैर बासमती चावल के उलट बासमती चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है। APEDA के अनुसार अप्रैल-जनवरी अवधि में 41.05 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान अवधि में निर्यात हुए 36.55 लाख टन बासमती चावल से 12.31 फीसदी अधिक है। बीच में सरकार द्वारा इस चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी)बढ़ाने से इसके निर्यात में वृद्धि की दर धीमी पड़ी थी। लेकिन बाद में एमईपी घटाने के बाद निर्यात रफ्तार पकड़ने लगा है। इस बीच, चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में भी सुस्ती देखी जा रही है। इसकी वजह गैर बासमती चावल और गेहूं के निर्यात पर बंदिश लागू होना है। वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीने में 2,027.9 करोड़ डॉलर मूल्य की प्रमुख कमोडिटी का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान के 2,179.7 करोड़ डॉलर की तुलना में 8.11 फीसदी कम है।

First Published - March 12, 2024 | 4:16 PM IST

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