facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

नए निचले स्तर पर रुपया

डॉलर के मुकाबले रुपया नए निचले स्तर पर, व्यापार घाटा और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड बने कारण

Last Updated- December 16, 2024 | 10:39 PM IST
Rupee

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में तेजी और चीन की मुद्रा युआन कमजोर होने की वजह से डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर बंदी के नए निचले स्तर 84.87 पर पहुंच गया। डीलरों ने यह भी कहा कि नवंबर में भारत के वस्तु निर्यात में व्यापार घाटे का भी रुपये पर विपरीत असर पड़ा। शुक्रवार को रुपया 84.80 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच डॉलर सूचकांक में मामूली गिरावट से दिन के दौरान रुपये को कुछ समर्थन मिला। डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत गिरकर 106.85 पर पहुंच गया। इस सूचकांक से 6 प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की स्थिति का पता चलता है।
विदेशी मुद्रा बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि सरकारी बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से डॉलर की बिक्री की, जिससे अतिरिक्त उतार-चढ़ाव न हो।

जन स्मॉल फाइनैंस बैंक में ट्रेजरी और कैपिटल मार्केट्स के प्रमुख गोपाल त्रिपाठी ने कहा, ‘ट्रेड डेटा के कारण रुपया कमजोर हुआ, जिसमें व्यापार घाटा अब तक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। निकट के हिसाब से यह और कमजोर हो सकता है। कुछ समय से रुपया एक निश्चित सीमा के भीतर और स्थिर बना हुआ है, लेकिन अगर व्यापार घाटा बढ़ता है या पूंजी की आवक कमजोर होती है तो यह डॉलर के मुकाबले और कमजोर हो सकता है।’

डीलरों ने कहा कि इस सप्ताह बाजार के प्रदर्शन में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति के फैसले के साथ बैंक ऑफ इंगलैंड और बैंक ऑफ जापान की भूमिका महत्त्वपूर्ण होने वाली है। हालांकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों जैसे घरेलू संकेतक बाजार की धारणा को आकार देंगे।

बाजार उम्मीद कर रहा है कि फेडरल रिजर्व आगामी बैठक में नीतिगत दर में 25 आधार अंक कटौती करेगा। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘बैंक ऑफ इंगलैंड और बैंक ऑफ जापान के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति के फैसले की इस सप्ताह बाजार के प्रदर्शन में उल्लेखनीय भूमिका होगी, वहीं घरेलू संकेतक जैसे जीडीपी वृद्धि और एफपीआई बाजार की धारणा को आकार देंगे।’

First Published - December 16, 2024 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट