facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

रुपया हुआ मजबूत, शेयर बाजार की रफ्तार ने दी नई उड़ान; निवेशकों में लौटी उम्मीद

डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 86.05 पर बंद हुआ जबकि यह गुरुवार को 86.70 पर बंद हुआ था। रुपया बीते सप्ताह 85.23 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। 

Last Updated- April 11, 2025 | 11:06 PM IST
rupees
प्रतीकात्मक तस्वीर

रुपये में एक दिन में दो वर्ष की सर्वाधिक उछाल आज  दर्ज हुई। घरेलू मुद्रा में मार्च, 2023 के बाद सर्वाधिक उछाल आई। डीलरों के मुताबिक अमेरिकी डॉलर में तेज गिरावट और घरेलू शेयर बाजारों में उछाल के कारण रुपये में 0.75 प्रतिशत की मजबूती दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 86.05 पर बंद हुआ जबकि यह गुरुवार को 86.70 पर बंद हुआ था। रुपया बीते सप्ताह 85.23 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। 

बीते दो सत्रों में डॉलर के मुकाबले रुपये में कुछ मजबूती आई। इसका कारण यह था कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की विकास संबंधित चिंताओं के कारण डॉलर की चमक फीकी पड़ गई थी। दरअसल, अमेरिका ने चीन के अलावा ज्यादातर देशों पर ‘जवाबी’ शुल्क लगाने को रोक दिया है लेकिन इससे डॉलर को मदद नहीं मिली। यूरो की तुलना में डॉलर का आधार घट रहा है और अधिक सुरक्षित मुद्राओं जैसे जापानी येन और स्विस फ्रैंक की ओर रुख किया जा रहा है। 

इस कैलेंडर वर्ष में रुपये में 0.51 प्रतिशत की गिरावट आई। इस क्रम में अप्रैल में घरेलू मुद्रा में 0.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। एक सरकारी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘रुपया डॉलर सूचकांक का अनुसरण कर रहा था और एशिया की सभी मुद्राओं ने बढ़त दर्ज की।’ उन्होंने कहा, ‘लिहाजा रुपये की खरीदारी की मांग स्वाभाविक रूप से थी।’

बीते सप्ताह तक डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ने के कारण रुपया 85 डॉलर के पार चला गया था। 

डॉलर सूचकांक तीन साल में सर्वाधिक 0.7 प्रतिशत गिरकर 99.75 प्रतिशत पर आ गया। इसका कारण यह था कि अमेरिका की व्यापार नीति में बदलाव इस देश को मंदी की ओर लेकर जा सकते हैं। इससे अमेरिकी परिसंपत्तियों में निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है। डॉलर सूचकांक छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती का आकलन करता है। इस बीच एक वर्षीय निहित अग्रिम प्रीमियम 8 आधार अंक घटकर 2.25 प्रतिशत रह गया। 

सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रुपया 85.50 से 86.50 प्रति डॉलर के बीच कारोबार कर रहा है और इसमें मूल्य वृद्धि का रुझान है।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक अग्रिम मार्केट में इस महीने परिपक्व होने वाले अनुबंधों को स्वीकार करेगा। इसका कारण यह है कि हम जितनी राशि का प्रवाह देख रहे हैं, वह परिपक्वता राशि का ध्यान रखेगा।’

First Published - April 11, 2025 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट