facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

गेहूं खरीद पिछले साल के पार; पंजाब और हरियाणा से सबसे ज्यादा मंगाए गए अनाज

1 अप्रैल से 22 मई तक के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्रीय पूल में 262.9 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 261.6 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

Last Updated- May 24, 2024 | 10:26 PM IST
wheat

केंद्रीय पूल में गेहूं की खरीद पिछले साल के आंकड़े को पार कर गई है। पंजाब और हरियाणा में कुछ दिन पहले जोरदार खरीद के कारण इस सत्र में पहली बार पिछले साल से अधिक खरीदारी हुई है।

1 अप्रैल से 22 मई तक के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्रीय पूल में 262.9 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 261.6 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

प्रमुख मंडियों में आवक कम होने के साथ ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि इस सीजन में कुल खरीद 270 से 290 लाख टन के बीच रह सकती है, जो पिछले साल के 261.9 लाख टन से मामूली अधिक होगी। यह वित्त वर्ष 2025 के लिए 300 से 320 लाख टन खरीद के लक्ष्य की तुलना में बहुत कम है। इसका यह भी मतलब है कि लगातार तीसरे साल केंद्रीय पूल में भारत की आधिकारिक गेहूं खरीद लक्ष्य से कम रहेगी, जिसका इस्तेमाल गरीबों को अनाज देने के लिए किया जाता है।

खरीद में गिरावट की प्राथमिक वजह यह है कि किसान अपना उत्पाद ज्यादा दाम पर निजी खरीदारों को बेचना पसंद कर रहे हैं। गेहूं का स्टॉक उम्मीद से कम रहने पर कीमत बढ़ने की स्थिति में सरकार का हाथ बंधा रह सकता है और वह बाजार में प्रभावी तरीके से हस्तक्षेप नहीं कर पाएगी।

इस साल गेहूं खरीद में गिरावट की बड़ी वजह मध्य प्रदेश से कम खरीद है। मध्य प्रदेश से 80 लाख टन खरीदने का लक्ष्य था, जबकि करीब 48 लाख टन खरीदा गया है, जो पिछले साल हुई खरीद का करीब 33 प्रतिशत है।

ज्यादातर कारोबारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में गेहूं की फसल अनुमान से कम है।

First Published - May 24, 2024 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट