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Apple ने क्या Siri के जरिए की जासूसी! अब देना होगा ₹790 करोड़ का मुआवजा, जानें पूरा मामला

Apple पर आरोप है कि उसने Iphone और दूसरे वर्चुअल असिस्टेंट से लैस डिवाइस के माध्यम से बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए Siri का इस्तेमाल किया।

Last Updated- January 03, 2025 | 11:27 AM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर

Apple Siri Case: टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दुनिया की दिग्गज कंपनी Apple ने अपने वर्चुअल असिस्टेंट Siri के माध्यम से जासूसी करने के आरोप में 95 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने पर सहमति जताई है। भारतीय रुपए के हिसाब से यह करीब 790 करोड़ रुपये के आस-पास बैठता है।

कैलिफोर्निया के ऑकलैंड के फेडरल कोर्ट 5 साल पुराने इस मामले के मुकदमे का समाधान करेगा, जिसमें आरोप लगाया गया था कि Apple ने एक दशक से अधिक समय तक Iphone और दूसरे वर्चुअल असिस्टेंट से लैस डिवाइस के माध्यम से बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए Siri का इस्तेमाल किया।

न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, आरोप यह भी था कि Siri के माध्यम से बातचीत तब भी रिकॉर्ड की गई, जब यूजर्स ने Siri को अपने डिवाइस में एक्टिवेट नहीं किया था। यूजर्स की बातचीत को न सिर्फ एप्पल द्वारा स्टोर किया गया, बल्कि कथित तौर पर तीसरे पक्षों के साथ शेयर भी किया गया।

क्या है Apple का पक्ष

बता दें कि लंबे समय से Apple यूजर्स की गोपनीयता की रक्षा करने का दावा करते आया है। कंपनी के CEO टिम कुक अक्सर मौलिक अधिकारों को संरक्षित करने की बात करते हैं। लेकिन यह आरोप कंपनी पर एक सवाल खड़ा करती है।

हालांकि, Apple ने इस समझौते के साथ यह भी कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। कंपनी ने आरोपों को खारिज करते हुए किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है।

इस समझौते के तहत 95 मिलियन डॉलर का फंड तैयार किया जाएगा, जिसके जरिए प्रभावित यूजर्स को प्रति डिवाइस अधिकतम 20 डॉलर का भुगतान किया जाएगा। यदि इस इस समझौते को मंजूरी मिल जाती है तो 17 सितंबर 2014 से पिछले साल के अंत तक iPhone और अन्य Apple डिवाइस रखने वाले लाखों यूजर अपना दावा कर सकते हैं। साथ ही एप्पल को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसने यूजर्स की अनजाने में रिकॉर्ड की गई बातचीत का डाटा डिलीट कर दिया है।

कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, मुकदमा दायर करने वाले वकील अपनी फीस और अन्य खर्चों को कवर करने के लिए इसी राशि में से 29.6 मिलियन अमरीकी डॉलर तक की मांग कर सकते हैं। इस समझौते पर अभी अदालत की मुहर लगना बाकी है। हालांकि, एप्पल ने आधिकारिक तौर पर इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

First Published - January 3, 2025 | 10:45 AM IST

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