facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

खाने के तेल और तिलहन में सुधार का रुख, मूंगफली अपरिवर्तित

Last Updated- February 11, 2023 | 3:23 PM IST
Traders bodies raise concern over soaring prices of edible oil खाद्य तेलों की मंहगाई पर व्यापारियों का हल्ला बोल, आयात शुल्क घटाने की मांग

शिकागो एक्सचेंज के लगभग 1.5 प्रतिशत मजबूती के साथ बंद होने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को खाद्यतेल तिलहन कीमतों में सुधार का रुख रहा। सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए।

सामान्य कारोबार के बीच भाव ऊंचा होने की वजह से मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार देर रात शिकागो एक्सचेंज में लगभग 1.5 प्रतिशत की मजबूती रहने का असर आज के स्थानीय कारोबार पर देखने को मिला। मूंगफली तेल तिलहन छोड़कर बाकी तेल तिलहनों के भाव मजबूत हो गये।

सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेलों, विशेषकर घरेलू तेल तिलहन उद्योग पर सबसे अधिक प्रभावित करने वाले सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे हल्के (सॉफ्ट) तेलों के भाव इस कदर नीचे गिरे हैं कि थोड़ी सी भी बढ़त मजबूती ही नजर आती है। लेकिन अब भी इनकी कीमतें देशी तेल तिलहनों के मुकाबले बेहद कम हैं।

अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सरसों, सोयाबीन, बिनौला जैसे देशी तेल-तिलहनों की खपत नामुमकिन है। इसके अलावा सूरजमुखी की आगे होने वाली बुवाई पर भी असर पड़ेगा। देशी तेल तिलहनों की खपत न हो पाने की चिंता को देखते हुए तेल संगठनों ने भी सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क लगाये जाने की मांग की है।

सामान्य कारोबार के बीच ऊंचे भाव के मूंगफली में कारोबार कम हुआ और इसके तेल तिलहनों की कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं।

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन – 5,905-5,955 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली – 6,475-6,535 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,450 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,420-2,685 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 12,250 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,970-2,000 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,930-2,055 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,460 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,650 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,850 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना – 5,470-5,600 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,210-5,230 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

First Published - February 11, 2023 | 3:23 PM IST

संबंधित पोस्ट