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मौसम की मार से चाय की कीमतों में 20 प्रतिशत का उछाल

कीमतों में तेजी से संकट में फंसे भारतीय चाय उद्योग को सहारा मिल सकता है, जो इस समय उत्पादन लागत बढ़ने और चाय की कीमत में पिछले एक दशक में मामूली वृद्धि के कारण संघर्ष कर रहा।

Last Updated- July 08, 2024 | 10:18 PM IST
Dhunseri tea

भारत में चाय की कीमतें बढ़ रही हैं और माना जा रहा है कि उच्च स्तर पर बनी रहेंगी। प्रमुख उत्पादक इलाकों में फसलों के मौसम में लू और बाढ़ के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है।

कीमतों में तेजी से संकट में फंसे भारतीय चाय उद्योग को सहारा मिल सकता है, जो इस समय उत्पादन लागत बढ़ने और चाय की कीमत में पिछले एक दशक में मामूली वृद्धि के कारण संघर्ष कर रहा है।

टी बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और बागान मालिक प्रभात बेजबरुआ ने कहा, ‘मौसम की चरम स्थिति के कारण चाय का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। मई में बहुत ज्यादा गर्मी और उसके बाद असम में आई बाढ़ के कारण उत्पादन घटा है।’ बेजबरुआ ने कहा सरकार ने 20 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया था, इसका भी असर उत्पादन पर पड़ा है।

बहुत गर्मी और उसके बाद भारी बारिश के कारण इस साल मई महीने में भारत का चाय उत्पादन एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत से अधिक घटकर 9.092 करोड़ किलो रह सकता है, जो इस महीने में एक दशक में सबसे कम उत्पादन होगा।

कलकत्ता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी कल्याण सुंदरम ने कहा कि अप्रैल और उसके बाद लू के कारण चाय की कीमत बढ़नी शुरू हो गई थी। टी बोर्ड द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक जून के आखिर में चाय की औसत कीमतें बढ़कर 217.53 रुपये किलो पहुंच गईं, जो एक साल पहले से 20 प्रतिशत अधिक है।

First Published - July 8, 2024 | 9:53 PM IST

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