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जून में नई परियोजनाओं की घोषणा में दिखी 92 फीसदी की भारी गिरावट

जून तिमाही के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि कारखाने स्थापित करने, सड़कों के निर्माण एवं अन्य नई परियोजनाओं की घोषणाएं 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहीं।

Last Updated- July 01, 2024 | 10:18 PM IST
जून में नई परियोजनाओं की घोषणा में दिखी 92 फीसदी की भारी गिरावट, A huge decline of 92 percent was seen in the announcement of new projects in June

जून तिमाही के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि कारखाने स्थापित करने, सड़कों के निर्माण एवं अन्य नई परियोजनाओं की घोषणाएं 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहीं। ट्रैकर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि जून में 60,000 करोड़ रुपये की ऐसी परियोजनाओं की घोषणा की गई जो जून 2023 में दर्ज 7.9 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 92 फीसदी कम है।

हालांकि ये आंकड़े शुरुआती हैं और इनमें बदलाव हो सकता है। मगर इन आंकड़ों से रुझान का संकेत मोटे तौर पर मिल जाता है। अगर पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो सितंबर 2009 के बाद किसी भी तिमाही में नई परियोजनाओं की घोषणा संबंधी आंकड़े कम नहीं रहे हैं।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) दीपक जसानी ने कहा कि कारोबारी बजट और नई सरकार के 100 दिनों के एजेंडे के तहत नीतिगत घोषणाएं होने तक इंतजार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘एक या दो महीने की देरी करने से उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा लाल सागर संकट के कारण माल ढुलाई की लगात बढ़ गई है। इससे पूंजीगत वस्तुओं के आयात पर असर पड़ सकता है।’

जसानी ने कहा  कि सूचीबद्ध कंपनियों ने नई परियोजनाओं पर कुछ घोषणाएं की हैं, मगर वे किसी बड़े निवेश की घोषणा करने से पहले बेहतर क्षमता उपयोगिता के लिए इंतजार कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जून में भीषण गर्मी के कारण मांग प्रभावित हुई है और यह अटकी हुई मांग गर्मियों के बाद के महीनों में दिखाई दे सकती है।

मार्च के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के तिमाही ऑर्डर बुक, इन्वेंट्री एवं क्षमता उपयोगिता सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) से पता चलता है कि क्षमता उपयोगिता में वृद्धि हो रही है लेकिन वह अब भी दिसंबर 2023 के 75 फीसदी से कम है।

आरबीआई ने कहा है, ‘वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में समग्र क्षमता उपयोगिता एक तिमाही पहले के 74 फीसदी से बढ़कर 74.7 फीसदी हो गई। मौसमी तौर पर समायोजित क्षमता उपयोगिता एक तिमाही पहले के मुकाबले 10 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 74.6 फीसदी हो गई।’

जून 2024 में नई परियोजनाओं का आंकड़ा चुनाव से पहले यानी मार्च 2024 के 12.4 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 95 फीसदी कम रहा। पिछले चुनाव के दौरान भी इसमें गिरावट दर्ज की गई थी। जून 2019 के दौरान इसमें 60 फीसदी की गिरावट आई थी।

इसी प्रकार 2014 के चुनाव में भी यह 20 फीसदी कम हो गया था, मगर एक तिमाही पहले के मुकाबले आंकड़ा 20 फीसदी अ​धिक रहा था। जून 2024 के लिए उपलब्ध ताजा आंकड़ों से पता चलता है​ कि निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की नई परियोजनाएं नए निचले स्तर पर लुढ़क गई हैं।

जून 2024 के दौरान सरकार ने 0.2 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की घोषणा की जबकि निजी क्षेत्र के मामले में यह आंकड़ा 0.4 लाख करोड़ रुपये रहा। परियोजनाओं को पूरा होने में भी काफी गिरावट आई है। जून 2024 में 0.34 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हुईं। यह आंकड़ा जून 2023 के 1.6 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 79 फीसदी कम और पिछली तिमाही के मुकाबले 91 फीसदी कम है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि पहली तिमाही के शुरुआती आंकड़ों में बदलाव हो सकता है, लेकिन पिछली तिमाही के मुकाबले नई परियोजनाओं की घोषणाओं में गिरावट दिखने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में तेजी आने की संभावना है।

First Published - July 1, 2024 | 10:18 PM IST

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