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लोकल करेंसी में कारोबार के लिए रिजर्व बैंक व यूएई सेंट्रल बैंक में समझौता

RBI ने एक बयान में कहा है कि LCSS बनाए जाने से आयातक और निर्यातक अपनी घरेलू मुद्रा में इनवाइस बना सकेंगे

Last Updated- July 16, 2023 | 11:22 PM IST
RBI

भारतीय रुपये और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की मुद्रा दिरहम में द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देने, भुगतान को जोड़ने और मैसेजिंग व्यवस्था बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सेंट्रल बैंक आफ यूएई (CBUAE) ने 2 सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता शनिवार को अबूधाबी में हुआ है।

पहला समझौता भारत और UAE के बीच लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल को लेकर एक ढांचा विकसित करने से संबंधित है। इसका मकसद स्थानीय मुद्रा निपटान व्यवस्था (LCSS) विकसित करना है, जिससे रुपये और AED के द्विपक्षीय लेन देन को बढ़ावा मिले।

सरकारी चैनल दूरदर्शन को दिए एक साक्षात्कार में रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, ‘इससे दोनों देशों के बीच कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। इससे लागत कम आएगी और निपटान बहुत तेजी से हो सकेगा।’ इस समझौते में चालू खाते के सभी लेनदेन शामिल हैं और पूंजी खाता लेन देन की अनुमति है।

2022 में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने और पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर कई प्रतिबंध लगाए जाने से तमाम देशों ने व्यापारिक निपटान में डॉलर पर निर्भरता घटाने की कवायद शुरू की। रुपये में कारोबार के निपटान की व्यवस्था भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई 2022 में पेश की थी, जो इसी दिशा में एक कदम था। यूएई के साथ हुई पहल स्थानीय मुद्रा में कारोबार के निपटान की ओर एक कदम है।

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा है कि LCSS बनाए जाने से आयातक और निर्यातक अपनी घरेलू मुद्रा में इनवाइस बना सकेंगे और भुगतान कर सकेंगे। इससे रुपया एईडी का विदेशी विनिमय बाजार बनेगा।

इस व्यवस्था से दोनों देशों के बीच निवेश और धन प्रेषण को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल से लेनदेन की लागत कम होगी और इससे निपटान भी तेजी से हो सकेगा। साथ ही UAE में रह रहे भारतीय सुविधाजनक तरीके से धन भेज सकेंगे।

दूसरा समझौता भुगतान और मैसेजिंग व्यवस्था को लेकर है, जिसके 3 हिस्से हैं। पहला भारत के यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और यूएई के इंस्टैंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) को जोड़ना है। इसके जुड़ने से दोनों देशों के लोग तेज, सुविधाजनक और सस्ते में सीमा पार धन हस्तांतरण कर सकेंगे। इस साल फरवरी में रिजर्व बैंक और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर के बीच UPI और सिंगापुर के पेनाऊ को जोड़ने का समझौता हुआ था।

इसका दूसरा हिस्सा रुपे और यूएईस्विच कार्डों को जोड़ना है। दास ने कहा कि इससे हमारा रुपे और यूएई के बैंकों द्वारा जारी कार्डों का निपटान डायरेक्ट मैसेजिंग व्यवस्था से हो सकेगा।

तीसरा हिस्सा भारत के स्ट्रक्चर्ड फाइनैंशियल मैसेजिंग सिस्टम (SFMS) और यूएई की मैसेजिंग व्यवस्था को जोड़कर भारत और यूएई के बीच सीधी मैसेजिंग व्यवस्था विकसित करने से संबंधित है। मैसेजिंग व्यवस्था के जुड़ने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय फाइनैंशियल मैसेजिंग हो सकेगी और इसके लिए स्विफ्ट मैसेजिंग व्यवस्था की जरूरत नहीं पड़ेगी।

First Published - July 16, 2023 | 11:22 PM IST

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