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अमेरिका ने चीन पर लगाया 54% टैक्स, अब भारत पर मंडरा रहा ‘डंपिंग’ का खतरा; सरकार अलर्ट मोड में

अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी जवाबी शुल्क लगाया है, जबकि चीन पर 34 फीसदी शुल्क लगाया है।

Last Updated- April 04, 2025 | 10:17 PM IST
China Flag
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pixabay

अमेरिका द्वारा अपने प्रमुख व्यापार भागीदारों पर जवाबी शुल्क लगाए जाने के कारण चीन से उत्पादों की ​डंपिंग का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सरकार अन्य देशों से भारत आने वाले माल पर कड़ी नजर रख रही है। वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल की अध्यक्षता में वाणिज्य विभाग लगातार आंतरिक बैठकें कर रहा है ताकि ऐसी ​स्थितियों से निपटने के लिए रणनीति बनाई जा सके।

मामले से अवगत एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘वाणिज्य विभाग सतर्क है और बुधवार को अमेरिका द्वारा जवाबी शुल्क की घोषणा किए जाने से पहले ही आयात की स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। अमेरिका चीन की वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगा रहा है।’

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को जवाबी शुल्क संबंधी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। उसके तहत तमाम व्यापार भागीदार देशों से आयात पर 10 से 50 फीसदी तक का अतिरिक्त मूल्यवर्धित शुल्क लगाया गया है। 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क शनिवार से और देश विशेष पर आधारित अतिरिक्त शुल्क 9 अप्रैल से प्रभावी होगा। अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी जवाबी शुल्क लगाया है, जबकि चीन पर 34 फीसदी शुल्क लगाया है। चीन के मामले में 34 फीसदी का यह जवाबी शुल्क पहले से लगाए गए 20 फीसदी शुल्क के अतिरिक्त है। इस प्रकार चीन पर कुल शुल्क बढ़कर 54 फीसदी हो जाता है। यह पिछले साल सितंबर में चीन की कुछ वस्तुओं पर बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क के अतिरिक्त है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि शुल्क बढ़ने के कारण अमेरिकी बाजार तक चीन की पहुंच धीरे-धीरे कम होती जा रही है। ऐसे में चीन अपने निर्यात का रुख अन्य देशों की ओर करेगा। इससे डंपिंग का खतरा बढ़ सकता है। काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के डि​स्टिं​ग्विस्ड प्रोफेसर विश्वजित धर ने कहा, ‘चीन अमेरिकी बाजार में अपना निवेश पहले ही कर कर चुका है। अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि भारत में चीन से आयात धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।’ 

केयर एज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन दुनिया का सबसे कम लागत वाला विनिर्माता और अ​धिकतर रसायनों का निर्यातक है। अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क के कारण वह भारत सहित अन्य देशों में रसायनों को डंप कर सकता है। इसका भारत के रासायन क्षेत्र पर अप्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

वाणिज्य विभाग ने पहले भी कहा था कि चीन से वस्तुओं की डंपिंग को रोकने के लिए भारत के पास एक मजबूत संस्थागत ढांचा है। उसमें व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की व्यवस्था भी शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करती है कि एक प्रभावी डंपिंग रोधी प्रणाली लागू रहे। वा​णिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल से फरवरी 2025 के दौरान चीन से 103.7 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया जो एक साल पहले की समान अव​धि के मुकाबले 10.4 फीसदी अ​धिक है।    

First Published - April 4, 2025 | 10:11 PM IST

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