facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से भारत की GDP वृद्धि पर 0.1-0.3% तक असर: गोल्डमैन सैक्स

अमेरिका की समान टैरिफ नीति से भारतीय निर्यात प्रभावित, देश के आयात शुल्क और गैर-टैरिफ बाधाओं को लेकर व्यापार असंतुलन पर बढ़ी चिंता

Last Updated- February 19, 2025 | 11:23 PM IST
Indian Economy GDP

भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा औसत प्रभावी टैरिफ दरें बढ़ाने से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 0.1 से 0.3 प्रतिशत अंक तक प्रभावित हो सकती है। अमेरिकी सरकार की अप्रैल की शुरुआत में योजनाबद्ध समान टैरिफ और भारतीय वस्तुओं के लिए अमेरिकी मांग की कीमत लोच जैसे विभिन्न पहलुओं पर गौर करते हुए गोल्डमैन सैक्स ने ये अनुमान जारी किए हैं।

अमेरिका द्वारा सभी देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया तो संभावित जीडीपी वृद्धि प्रभाव 0.1 से लेकर 0.6 प्रतिशत अंक तक हो सकता है। गोल्डमैन सैक्स ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि अन्य देशों में निर्यात के माध्यम से अमेरिका में एक्सपोजर को देखते हुए भारत की घरेलू गतिविधि का अमेरिकी अंतिम मांग के मुकाबले लगभग दोगुना (जीडीपी का 0.4 प्रतिशत) तक ऊंचा होगा।

नवीनतम निष्पक्ष और पारस्परिक योजना के तहत अमेरिका अन्य देशों के समान टैरिफ, कर और गैर-टैरिफ बाधाओं के अनुरूप एक पारस्परिक योजना पर काम कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार पारस्परिक टैरिफ लगाए जाने पर भारत तीन स्तरों देश, उत्पाद और गैर टैरिफ बाधा आदि से प्रभावित हो सकता है। देश के स्तर पर समान टैरिफ व्यवस्था लागू करना सबसे स्पष्ट दृष्टिकोण होगा, जिसमें भारत से सभी अमेरिकी आयात पर बढ़े हुए टैरिफ शामिल होंगे।

आम तौर पर भारतीय आयातित वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क की तुलना में भारत अमेरिकी आयात पर अधिक शुल्क लगाता है। अमेरिकी आयात पर भारत की प्रभावी टैरिफ दर 9.4 प्रतिशत है जबकि अमेरिका भारतीय आयात पर 2.9 प्रतिशत की प्रभावी टैरिफ दर लगाता है। इस प्रकार दोनों देशों के आयात शुल्क में 6.5 प्रतिशत अंक का बड़ा अंतर दिखाई देता है।

इसमें कहा गया है, ‘उत्पाद-स्तरीय टैरिफ व्यवस्था है, जहां भारत से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर उसी के टैरिफ के समान शुल्क लगाता है। ऐसा होने पर अनुमान के मुताबिक औसत टैरिफ अंतर 11.5 प्रतिशत अंक तक बढ़ सकता है, लेकिन यदि लंबे समय तक लागू रहा तो यह अधिक जटिल होगा।’ इसमें कहा गया है कि गैर-टैरिफ बाधाओं सहित समान शुल्क व्यवस्था को लागू करना सबसे जटिल है और इससे टैरिफ और भी अधिक हो सकता है।

First Published - February 19, 2025 | 11:23 PM IST

संबंधित पोस्ट