facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

चीन के चुम्बक निर्यात पर रोक, भारत में EV प्रोडक्शन पर मंडराया संकट; इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में हलचल

उद्योग को डर है कि नए नियमों के कारण चीन से चुम्बक का आयात बाधित होगा जबकि वह ईवी मोटर के लिए काफी महत्त्वूपर्ण है।

Last Updated- May 08, 2025 | 10:46 PM IST
India-China
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के जरिये वाहन कंपनियों ने भारी उद्योग मंत्रालय से अनुरोध किया है कि चीन से दुर्लभ खनिजों के आयात में सहूलियत के लिए वहां की सरकार से बात की जाए। उसने कहा है कि अगर भारत का कोई आयातक चीन के किसी निर्यातक से दुर्लभ खनिजों का आयात करता है तो यह मंजूरी सुनिश्चित की जाए कि आयातक को अगले छह महीने तक उसी निर्यातक से वही दुर्लभ खनिज मिलते रहेंगे। 

यह अनुरोध इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए आवश्यक चुम्बक सहित अन्य दुर्लभ खनिजों पर चीन के नए निर्यात नियंत्रण आदेश के मद्देनजर किया गया है। इससे भारतीय आयातकों को हर खेप के लिए मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी जो एक थकाऊ प्रक्रिया है क्योंकि उसमें काफी समय लगता है। 

उद्योग को डर है कि नए नियमों के कारण चीन से चुम्बक का आयात बाधित होगा जबकि वह ईवी मोटर के लिए काफी महत्त्वूपर्ण है। ईवी विनिर्माताओं ने आगाह किया है कि अगर प्रक्रिया संबंधी बाधाओं के कारण चुम्बक की आपूर्ति में देरी होती है तो मौजूदा स्टॉक के खत्म होने पर जून के आखिर तक उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

भारत और चीन की सरकारें इन वस्तुओं की आयात मंजूरी के लिए एक मानक प्रक्रिया तैयार करने पर चर्चा कर रही हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार भारतीय आयातकों को अंतिम उपयोगकर्ता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। उसमें आश्वस्त करना होगा कि इन सामग्रियों को चीन सरकार की सहमति के बिना किसी तीसरे पक्ष को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा। इनका उपयोग केवल घोषित उद्देश्यों के लिए ही किया जाएगा और सामूहिक विनाश के हथियारों के लिए इन सामग्रियों का भंडारण, प्रॉसेसिंग अथवा दूसरे तरीके से उपयोग नहीं किया जाएगा।

बैठक में सायम ने चीन की नई एवं कठोर शर्तों को पूरा करने में आने वाली परेशानियों के बारे में बताया। उसने बताया कि इस प्रक्रिया के बारे में हितधारकों को भलीभांति जानकारी नहीं दी गई है। बैठक में सुझाव दिया गया कि भारी उद्योग मंत्रालय सायम अथवा ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसे किसी उद्योग संगठन को अंतिम उपयोगकर्ता प्रमाण पत्र एवं अन्य सहायक दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए नामित करे।

सत्यापन के बाद भारी उद्योग मंत्रालय को विदेश मंत्रालय से कहना चाहिए कि वह आयातकों द्वारा प्रस्तुत फॉर्म को प्रमाणित करे। दोनों मंत्रालय इस प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर सकते हैं। इस मामले में किसी व्यावहारिक समाधान तक पहुंचने के लिए वाहन विनिर्माताओं के अलावा भारत और चीन की सरकारों के बीच चर्चा जारी है। चीन का निर्यात नियंत्रण आदेश 4 अप्रैल से प्रभावी है और वह सभी देशों पर लागू होता है। हालांकि इस आदेश को अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने जाने के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा एवं उपभोक्ता वस्तुओं में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख कच्चे माल तक पहुंच को सीमित करना है। चीन दुनिया के करीब 90 फीसदी दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति करता है। ऐसे में वह वैश्विक स्तर पर निर्यात को प्रभावित कर सकता है। बहरहाल एक प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता ने कहा कि भारतीय कंपनियां किसी तैयार उत्पाद का निर्यात अमेरिका को नहीं करती हैं। इसलिए वे अतिरिक्त कागजी कार्रवाई और देरी के अलावा अन्य सबसे खराब स्थितियों से बच सकती हैं।

First Published - May 8, 2025 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट