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भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते से बूम! कृषि उत्पादों का निर्यात 59% बढ़ा, जानिए पूरा हाल

भारत -ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियम कृषि उत्पादों का भारत को निर्यात 59 फीसदी बढ़ चुका है।

Last Updated- March 06, 2025 | 11:04 PM IST
Free trade deal may get delayed as Australia approaches 2025 elections ऑस्ट्रेलिया में चुनाव के कारण व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर वार्ता में होगी देर

ऑस्ट्रेलियाई व्यापार एवं निवेश आयोग में व्यापार व निवेश आयुक्त जॉन साउथवेल ने श्रेया नंदी को दिए साक्षात्कार में बताया कि भारत -ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियम कृषि उत्पादों का भारत को निर्यात 59 फीसदी बढ़ चुका है। पेश है मुख्य अंश :

भारत – ऑस्ट्रेलिया में ईसीटीए दो वर्ष पहले हो चुका है। उसके बाद कृषि व्यापार का प्रदर्शन कैसा है?

यह दोनों देशों के लिए सफल रहा है। यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि यह सिर्फ ऑस्ट्रेलिया से भारत को निर्यात के मामले में नहीं बल्कि भारत से आस्ट्रेलिया को निर्यात के मामले भी है। खाद्य व पेय पदार्थों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया से भारत को हम भेड़ के मांस, ब्रॉड बीन्स, सैल्मन मछली बड़ी मात्रा में भेजे रहे हैं। यह वास्तव में अच्छा है क्योंकि इससे एक तो यहां उत्पादन बढ़ता है और दूसरे भारत के लोग ऑस्ट्रेलिया के स्वाद का आनंद भी ले सकते हैं। यदि व्यापार समझौता नहीं होता तो इनकी उपलब्धता संभव नहीं होती।

इसके अलावा भारत सरकार के तकनीकी रूप से बाजार पहुंच देने से बीते 18 महीनों में ऑस्ट्रेलिया से ऐवकाडो फल आ रहा है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई मैकाडामिया भी भारत के बाजार में प्रवेश कर रहा है। इस पर पहले 30 फीसदी शुल्क था और अब गिरकर 12.9 फीसदी हो गया है। यह 1 जनवरी, 2028 से गिरकर शून्य फीसदी हो जाएगा। पहले मुक्त व्यापार समझौते के लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया से भारत को प्रीमियम कृषि उत्पादों का निर्यात 59 फीसदी बढ़ गया है।

दूसरी तरफ, भारत का भी ऑस्ट्रेलिया को निर्यात बढ़ गया है। लिहाजा यह दोनों के लिए एक तरह से फायदे की स्थिति है। असलियत में देखा जाए तो आस्ट्रेलिया, भारत को निर्यात किए जाने वाले कृषि उत्पादों की तुलना में कहीं अधिक कृषि उत्पादों को अपने यहां मंगाता है। यह दिखाता है कि दोनों देशों को फायदा है और ऑस्ट्रेलिया व भारत के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है।

क्या व्यापार ने बीते दो वर्षों में गैर शुल्क बाधाओं का अनुभव किया है?

वैसे, हर देश गैर शुल्क बाधाओं के जरिये अपने मानव स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ पौधों व पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा को पुख्ता करता है। यह ऑस्ट्रेलिया में भी है। हमारी सरकार व्यापार में आने वाली बाधाओं को कम करने के तरीकों पर काम करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करती है, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि हम वास्तव में मानव, पौधे और पशु स्वास्थ्य की रक्षा करें।

भारत सरकार ऑस्ट्रेलिया के ऐवाकाडो फल को तकनीकी बाजार पहुंच देने के मामले में उदार रही है। इसके अलावा भारत सरकार ने मैकाडामिया जैसे उत्पादों के लिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को पहचाना है। इसका अर्थ यह है कि ऑस्ट्रेलिया के मैकाडामिया का इस तरह से ट्रीटमेंट किया जा सकता है कि वह किफायती हो और भारत की जरूरतों को भी पूरा करता है।

First Published - March 6, 2025 | 11:04 PM IST

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