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Budget 2024: जल्दबाजी में पूरा नहीं होना चाहिए विनिवेश लक्ष्य- तुहिन कांत पांडेय

Budget 2024 : वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान में 61,000 करोड़ रुपये में से 51,000 करोड़ रुपये विनिवेश से और 10,000 करोड़ रुपये परिसपंत्तियों की बिक्री से आने थे।

Last Updated- February 02, 2024 | 10:40 PM IST
जल्दबाजी में पूरा नहीं होना चाहिए विनिवेश लक्ष्य- तुहिन कांत पांडेय, Disinvestment target should not be accomplished in a hurry – Tuhin Kant Pandey

निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने श्रेया नंदी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यह बात जेहन में रहना जरूरी है कि विनिवेश जल्दबाजी में लक्ष्य पूरा करने के बजाय धीरे धीरे और व्यवस्थित तरीके से होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2024 के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विविध प्राप्तियों में से केंद्र को परिसंपत्ति बिक्री से लगभग 12,000 करोड़ रुपये और विनिवेश से 18,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। उनसे बातचीत के अंश:

क्या आप बता सकते हैं कि चालू वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये कहां कहां से आएंगे?

विनिवेश के लिए मानक लक्ष्य तय करने के लिहाज से हमारे नजरिये में बदलाव आया है। वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान में 61,000 करोड़ रुपये में से 51,000 करोड़ रुपये विनिवेश से और 10,000 करोड़ रुपये परिसपंत्तियों की बिक्री से आने थे। कुल मिलाकर यह विभिन्न पूंजीगत प्राप्तियों का हिस्सा था। मैं यही कहूंगा कि कोई विशेष विनिवेश लक्ष्य तय नहीं किया गया है।

वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान के अनुसार सरकार ने परिसंपत्ति बिक्री से 10,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान जताया था। अब तक कितना हासिल कर चुके हैं?

वित्त वर्ष 2024 के लिए संशोधित अनुमानों में हमें इस वित्त वर्ष में परिसंपत्ति बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये और विनिवेश से 18,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है।18,000 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार 12,054 करोड़ रुपये पहले ही हासिल कर चुकी है।

अगले वित्त वर्ष के विनिवेश और परिसंपत्ति बिक्री लक्ष्य पर क्या कहेंगे? विनिवेश से कितनी उम्मीद है?

पूंजी प्राप्तियों में ऐसे मद भी शामिल हो सकते हैं जिनकी गणना कहीं भी नहीं की गई हो। परिसंपत्ति बिक्री के मामले में राष्ट्रीय परिसंपत्ति बिक्री योजना से मिलने वाली रकम सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में जाती है, न कि सरकार के पास। हालांकि जब आवास एवं शहरी विकास विभाग, खनन या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जैसे विभाग परिसंपत्तियों की बिक्री करते हैं तो भारत के समेकित कोष में इजाफा होगा। हम लक्ष्य वाला नजरिया छोड़ रहे हैं।

मान लीजिए कि बाजार अच्छा नहीं है तो आप इससे पीछे हट सकते हैं। वहीं बाजार अच्छा है, तो आप मान सकते हैं कि विनिवेश के साथ आगे बढ़ना बेहतर होगा। हमें प्राप्त लाभांश पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी और यह एक निरंतर राजस्व है, क्योंकि हम साल दर साल लाभ हासिल करते हैं और मुनाफा बनाए रखते हैं। मेरा मानना है कि हमेशा इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि विनिवेश जल्दबाजी के बजाय धीरे धीरे और व्यवस्थित तरीके से होना चाहिए।

क्या आप इस वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए रूपरेखा की जानकारी दे सकते हैं? आप मार्च के अंत तक विनिवेश के जरिये 6,000 करोड़ रुपये कैसे हासिल करेंगे? अगले साल की प्राथमिकता क्या होगी?

इस बारे में ज्यादा तो नहीं बता पाऊंगा। हम लेनदेन के समय का खुलासा नहीं करना चाहते। हम 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा या कम भी हासिल कर सकते हैं। लेकिन कुल मिलाकर, हमें अनावश्यक तौर पर अनिश्चितता की स्थिति में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि इससे बाजार में उतार-चढ़ाव आएगा।

आईडीबीआई सौदे पर क्या प्रगति है? बीपीसीएल के लिए आगे की राह क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक के स्तर पर चर्चा जारी है। हम इसके अगले साल पूरा होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस पर काम चल रहा है। बीपीसीएल के मामले में हमने स्पष्ट कर दिया था कि इसमें जब विनिवेश शुरू करने का निर्णय लेंगे तो इसकी घोषणा की जाएगी। इसी तरह शिपिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, एनएमडीसी स्टील और कॉनकोर की हिस्सा बिक्री भी अगले साल ही हो पाएगी।

First Published - February 2, 2024 | 10:40 PM IST

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