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तेजी से बढ़ा केंद्र का पूंजीगत व्यय, सार्वजनिक उद्यमों के खर्च में हुआ 93 फीसदी का इजाफा

पूंजीगत व्यय के लक्ष्य में 54 सीपीएसई और 5 विभागीय इकाइयां शामिल हैं। विभागीय इकाइयों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और रेलवे प्रमुख हैं

Last Updated- June 09, 2023 | 11:04 PM IST
Capex by CPSEs jump over 90 per cent in May

बड़े केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का व्यय मई महीने में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 93 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 1.39 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और रेलवे की प्रमुख भूमिका रही है। इन बड़े उद्यमों ने 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है।

बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 24 के पहले दो महीनों (अप्रैल और मई) में सीपीएसई और विभागीय इकाइयों ने मिलकर 7.33 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के विभागीय लक्ष्य का 19 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। वित्त वर्ष 24 में केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 13.4 प्रतिशत बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 23 के संशोधित लक्ष्य में 6.46 लाख करोड़ रुपये था।

पूंजीगत व्यय के लक्ष्य में 54 सीपीएसई और 5 विभागीय इकाइयां शामिल हैं। विभागीय इकाइयों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और रेलवे प्रमुख हैं।

वित्त वर्ष 23 के दौरान सीपीएसई ने अपने पूरे साल के संशोधित लक्ष्य 6.46 लाख करोड़ रुपये का 100.5 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया था।

एनएचएआई ने अपने 1.62 लाख करोड़ रुपये के सालाना पूंजीगत व्यय के लक्ष्य में से करीब 29,920 करोड़ रुपये खर्च किया है। वहीं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अपने सालाना 30,935 करोड़ रुपये लक्ष्य का 18.2 प्रतिशत खर्च किया है, जिसने अपनी पाइपलाइन परियोजना फिर से शुरू कर दी है और तेल शोधन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है।

रेलवे बोर्ड ने 2.44 लाख करोड़ रुपये सालाना लक्ष्य का 23.4 प्रतिशत खर्च किया है, जिसमें डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (DFCCIL) और कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRCL) शामिल नहीं हैं। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर ध्यान दिए जाने से इन सीपीएसई ने वित्त वर्ष की शुरुआत से ही कामकाज तेज कर दिया है। सामान्यतया वित्त वर्ष की शुरुआत में सीपीएसई अपने सालाना व्यय की योजना बनाती हैं और इसलिए पहली तिमाही में उनके कामकाज की शुरुआत सुस्त रहती है।

उन्होंने आगे कहा कि इन सीपीएसई द्वारा पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को गंभीरता से लिया जा रहा है, जिससे सरकार को प्रदर्शन के मूल्यांकन और प्रदर्शन से जुड़े भुगतान पर फैसला करने में मदद मिलेगी।

कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी उत्पादक ओएनजीसी ने करीब 4,880 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसके लिए सालाना 30,125 करोड़ रुपये खर्च का लक्ष्य रखा गया है। एनटीपीसी ने अपने सालाना लक्ष्य 22,454 करोड़ रुपये का 8.6 प्रतिशत खर्च किया है।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) ने अपने सालाना व्यय में से क्रमशः करीब 1,460 करोड़ रुपये (14.3 प्रतिशत) और 850 करोड़ रुपये (8.5 प्रतिशत) खर्च किया है।

ईंधन की खुदरा विक्रेता/तेल शोधन कंपनियों जैसे आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य वित्त वर्ष 23 के 30,293 करोड़ रुपये से 67 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 50,605 करोड़ रुपये हो गया है।

First Published - June 9, 2023 | 10:33 PM IST

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