facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

ज्यादा कर से बाहर निकल जाएगी पूंजी

मशहूर अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी ने ‘बिलियनेयर टैक्स’ यानी अरबपतियों पर विशेष कर लगाने का सुझाव दिया है।

Last Updated- December 14, 2024 | 10:52 AM IST
Chief Economic Advisor V. Anantha Nageswaran
Chief Economic Advisor V. Anantha Nageswaran

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने असमानता, आर्थिक वृद्धि और समावेशन जैसे विषयों पर शुक्रवार को एक चर्चा के दौरान कहा कि पूंजी पर कम कर लगाने से अधिक निवेश नहीं हो सकता है लेकिन अधिक कर लगाने से पूंजी बाहर चली जाएगी। उन्होंने कहा कि पूंजी का बाहर जाना आसान है लेकिन इसे फिर से वापस लाना काफी मुश्किल है।

मशहूर अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी ने ‘बिलियनेयर टैक्स’ यानी अरबपतियों पर विशेष कर लगाने का सुझाव दिया है। नागेश्वरन ने पिकेटी के विचार को खारिज करते हुए कहा, ‘सभी समस्याओं का हल सरकारी आदेश से नहीं हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि अरबपतियों को अधिक योगदान करने की आवश्यकता हो सकती है लेकिन इस पर अमल करने और संपदा को मापने के साथ ही आगे इसका वितरण करना एक बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कहा, ‘हम कर योग्य आमदनी के बढ़ने के साथ ही करों में बढ़ोतरी की बात पर सहमत हो सकते हैं जिस पर हम भारत में अमल भी करते हैं। ऐसे कई तरीके हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि अमीर और सभी लोग राष्ट्र निर्माण में अपनी क्षमता के मुताबिक योगदान दें।’

नागेश्वरन ने रिसर्च ऐंड डेवलपिंग सिस्टम्स फॉर डेवलपिंग कंट्रीज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सार्वजनिक नीति के लिए तुलनात्मक रूप से नतीजों में समानता के बजाय समान पहुंच व समान अवसर अधिक महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नियमन में समानता को लागू करने से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को परेशानी होती है क्योंकि उनका प्रबंधन और वित्तीय दायरा सीमित होता है। पिकेटी ने कहा था कि पहले देश दुनिया के संसाधनों का अधिकतम दोहन कर अमीर बने हैं लेकिन 21वीं सदी में उन्होंने असमानता कम कर अमीर देश का दर्जा हासिल किया है।

First Published - December 14, 2024 | 10:52 AM IST

संबंधित पोस्ट