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Composite PMI: मई में कंपोजिट PMI 14 साल की ऊंचाई पर पहुंचा, सेवा क्षेत्र में तेजी, विनिर्माण थोड़ा सुस्त

मई में भारत का कंपोजिट पीएमआई 61.7 पर पहुंच गया, जो 14 साल में सबसे ज्यादा है।

Last Updated- May 23, 2024 | 10:15 PM IST
Editorial: Challenges of India's manufacturing sector, over-regulation and the trap of small plants भारत के विनिर्माण क्षेत्र की चुनौतियां, अति नियमन और छोटे संयंत्रों का जाल

मई महीने में कंपोजिट पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) बढ़कर 61.7 पर पहुंच गया। देश में मांग को मिली गति, खासकर सेवा क्षेत्र में तेजी आने से ऐसा हुआ है। कंपोजिट पीएमआई से निजी क्षेत्र की गतिविधियों का मापन होता है। एचएसबीसी की ओर से गुरुवार को जारी सर्वे के मुताबिक भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में लगातार 34वें महीने में तेजी आई है।

इस सूचकांक से हर महीने सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में होने वाले संयुक्त उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है। सर्वे में कहा गया है, ‘सर्वे में शामिल लोगों ने सफल विज्ञापन, कुशलता में वृद्धि, नए काम में तेज बढ़ोतरी और मांग मजबूत रहने को हाल की वृद्धि की वजह बताई। सेवा फर्मों ने कारोबारी गतिविधियों में तेज वृद्धि दर्ज की, जो पिछले 4 महीने की तुलना में सबसे तेज रही। वहीं फैक्टरी उत्पादन फरवरी के बाद के सबसे सुस्त रफ्तार रफ्तार से बढ़ा है।’

एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि मई में कंपोजिट पीएमआई फिर बढ़ा है, जो पिछले 14 साल की तीसरी सबसे मजबूत रीडिंग है। इसे सेवा क्षेत्र में तेज वृद्धि का समर्थन मिला है, जबकि मई महीने में नए ऑर्डर और उत्पादन कम रहने से विनिर्माण क्षेत्र थोड़ा सुस्त रहा है।

उन्होंने कहा, ‘बहरहाल विनिर्माण उद्योग के उत्पादन में बढ़ोतरी जारी रही और यह सेवा अर्थव्यवस्था से आगे बना रहा। इसके अलावा ताजा आंकड़ों से दोनों क्षेत्रों में नए निर्यात ऑर्डरों में मजबूती का पता चलता है, जो सितंबर 2014 में यह सीरीज शुरू होने के बाद से सबसे तेज बढ़ा है। एक साल आगे की स्थिति के बारे में उम्मीद का स्तर बढ़कर 11 साल से ज्यादा समय के उच्च स्तर पर है, जिसकी वजह से फर्मों ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है।

दोनों सेक्टरों में ज्यादा इनपुट लागत की वजह से मुनाफा कम हुआ है खासकर सेवा प्रदाताओं का मुनाफा घटा है।’ रोजगार के मोर्चे पर देखें तो सर्वे में कहा गया है कि नए ऑर्डर में मजबूत तेजी बने रहने के कारण निजी क्षेत्र में नौकरियों का सृजन हुआ है और मासिक आधार पर रोजगार पिछले 2 साल से बढ़ रहा है। मई में सितंबर 2006 के बाद रोजगार का विस्तार सबसे तेज रहा है।

सर्वे में कहा गया है, ‘क्षमता के दबाव के कारण कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी को समर्थन मिला है। विनिर्माण व सेवा को मिलाकर 21 महीने में कारोबार की मात्रा सबसे तेजी से बढ़ी है। बैकलॉग बढ़ने के कारण अतिरिक्त कर्मचारियों को लेने के अलावा भारतीय विनिर्माताओं ने उत्पादन प्रक्रिया में इस्तेमाल के लिएअतिरिक्त सामग्री की खरीदारी भी की है।’

First Published - May 23, 2024 | 10:15 PM IST

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