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Economic Survey 25: पटरी पर लौटी कृषि वृद्धि दर, आ​र्थिक समीक्षा में उत्पादकता बढ़ाने पर जोर

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पिछली चार तिमाहियों में कृषि वृद्धि दर में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।

Last Updated- January 31, 2025 | 7:39 PM IST
Farming
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

कृषि वृद्धि दर बढ़ने से सरकार को राहत मिलने के बीच आर्थिक समीक्षा में उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देने की बात कही गई है। समीक्षा में बागवानी फसलों को उभरता हुआ उद्योग बताया गया है। जिसमें खासकर अंगूर और फूलों पर जोर दिया गया है। समीक्षा में तिलहन की धीमी वृद्धि दर चिंता जाहिर की गई है।

कृषि वृद्धि दर ने पकड़ी रफ्तार

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पिछली चार तिमाहियों में कृषि वृद्धि दर में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है। वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसदी दर्ज की गई, जो पिछली चार तिमाही में सबसे अधिक और पहली तिमाही की वृद्धि दर 2 फीसदी से भी अधिक है। साथ ही यह वित्त वर्ष 23 की कृषि वृद्धि दर 1.4 फीसदी ज्यादा है। सरकार ने वित्त वर्ष 25 के दौरान कृषि वृद्धि दर 3.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। कृषि वृद्धि दर में आ रही इस तेजी की वजह अनुकूल मौसम को माना जा रहा है।

आर्थिक समीक्षा में उत्पादकता बढ़ाने पर जोर  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश की गई आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि फसल उत्पादन में वृद्धि के बावजूद किसानों की आय बढ़ाने के लिए उत्पादकता में और अधिक वृद्धि महत्वपूर्ण है। सरकार कृषि उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य कई पहलों को लागू कर रही है। इस समीक्षा में फसल और पशुधन उत्पादकता में सुधार, उच्च मूल्य वाली फसलों में विविधता लाने के संबंध में आवश्यक कार्य नीतियों पर प्रकाश डाला गया है। वर्ष 2024 में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1,647.05 लाख टन होने का अनुमान है, जो इससे पहले वर्ष की तुलना में 89.37 लाख टन अधिक है। समीक्षा में कहा गया है कि घरेलू खाद्य तेल की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारत की भारी निर्भरता को देखते हुए तिलहन की 1.9 फीसदी धीमी वृद्धि दर चिंता पैदा करती है।

बागवानी उभरता हुआ कृषि उद्योग

आर्थिक समीक्षा में बागवानी को उभरता हुआ कृषि उद्योग बताया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत का पुष्प-कृषि उद्योग एक उच्च प्रदर्शन वाले क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है। वैश्विक स्तर पर फूलों की बढ़ती मांग से प्रेरित होकर इसने कृषि उत्पादन में एक प्रमुख वाणिज्यिक उद्यम के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में फूलों के निर्यात में 14.55 फीसदी इजाफा हुआ है। फूलों की तरह ही अंगूर का निर्यात भी जोर पकड़ रहा है। भारत ने  वित्त वर्ष 24 में करीब 3,460 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 3.44 लाख टन अंगूर का निर्यात हुआ। अंगूर उत्पादन में 67 फीसदी हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है।

First Published - January 31, 2025 | 7:23 PM IST

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