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अप्रैल में देश से निर्यात 5 महीने में सबसे कम, आयात में तेजी

सोने का आयात तिगुना होने से व्यापार घाटा 5 माह के उच्च स्तर 19.1 अरब डॉलर पर पहुंचा

Last Updated- May 20, 2024 | 12:14 PM IST
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लाल सागर संकट जैसे भू-राजनीतिक तनाव और जिंसों की कीमतों में नरमी से इस साल अप्रैल में भारत से वस्तु निर्यात का मूल्य घटकर 5 महीने में सबसे कम रहा। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में भारत से वस्तु निर्यात पिछले साल अप्रैल की तुलना में 1 फीसदी घटकर 34.99 अरब डॉलर रहा। मगर वस्तु आयात 10.25 फीसदी बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पहुंच गया। निर्यात घटने और आयात बढ़ने के कारण व्यापार घाटा उछलकर 19.1 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले पांच महीनों में सबसे बड़ा आंकड़ा है।

आयात में इजाफे का असली कारण पेट्रोलियम उत्पाद हैं। देश के कुल आयात में पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी करीब 32 फीसदी है। इस साल अप्रैल में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करीब 20 फीसदी बढ़कर 16.64 अरब डॉलर रहा। सोने का आयात भी तीन गुना होकर 3.1 अरब डॉलर पहुंच गया। इलेक्ट्रॉनिक्स का आयात इस साल अप्रैल में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 10 फीसदी बढ़कर 7.05 अरब डॉलर रहा। पेट्रोलियम और रत्नाभूषण के अलावा माल का आयात 2 फीसदी बढ़कर 32.72 अरब डॉलर रहा।

पेट्रोलियम और रत्नाभूषण के अलावा होने वाले निर्यात से ही देश के निर्यात की ​स्थिति का सही पता चलता है। इस श्रेणी के उत्पादों का निर्यात इस साल अप्रैल में 1.32 फीसदी बढ़कर 26.77 अरब डॉलर रहा। कुल मिलाकर अप्रैल 2024 में देश के 30 क्षेत्रों में से 17 के उत्पादों का निर्यात घटा है।

वा​णिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने संवाददाताओं को बताया कि निर्यातकों को आगे के लिए अच्छे ऑर्डर मिले हैं और पिछले कुछ महीनों में देश में बढ़ रहे माल के भंडार में कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी है। वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ा है।’ इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस बार तेल के अलावा होने वाला घाटा बढ़ा है, जो मुख्य रूप से सोने का आयात तिगुना होने और उसका भाव चढ़ने के कारण हुआ है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक वित्त वर्ष 2025 का चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 फीसदी पर ही बने रहने की उम्मीद है।’

भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि वै​श्विक चुनौतियों के बावजूद चार महीने तक सकारात्मक वृद्धि रही। इसके बाद प्रमुख बाजारों में मांग कमजोर होने और लाल सागर में संकट के कारण माल की आवाजाही प्रभावित होने से इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात घटा है। उन्होंने कहा, ‘हाल के हफ्तों में वै​श्विक आ​र्थिक तस्वीर सुधरती दिखी है, जिससे व्यापार बढ़ना चाहिए।’

इस साल अप्रैल में सेवाओं का निर्यात 14.3 फीसदी बढ़कर 29.57 अरब डॉलर रहा और उनका आयात 21.5 फीसदी बढ़कर 16.97 अरब डॉलर हो गया, जिससे इस श्रेणी के निर्यात में 12.6 अरब डॉलर का अ​धिशेष है। मगर अप्रैल का सेवा निर्यात का आंकड़ा अनुमानित है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक से आने वाले आंकड़ों के आधार पर संशो​धित किया जाएगा।

First Published - May 15, 2024 | 11:02 PM IST

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