facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Fiscal Deficit: राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 86.5 फीसदी पर, FY24 में केंद्र सरकार का कुल खर्च 37.5 लाख करोड़ रुपये रहा

वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल से फरवरी की अवधि में केंद्र सरकार का कुल व्यय 37.5 लाख करोड़ रुपये रहा जो संशोधित अनुमान का 83.4 फीसदी है।

Last Updated- April 01, 2024 | 10:36 AM IST
fiscal deficit

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक बढ़कर पूरे साल के लिए संशोधित लक्ष्य 17.34 लाख करोड़ रुपये का 86.5 फीसदी यानी 15.01 लाख करोड़ रुपये रहा है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से आज जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि में राजकोषीय घाटा संशोधित अनुमान का 82.8 फीसदी रहा था।

वित्त वर्ष 2024 के पहले 11 महीनों के दौरान केंद्र सरकार ने 9.5 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 84.8 फीसदी खर्च किया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 81.1 फीसदी रहा था। अप्रैल से फरवरी की अवधि के लिए राजस्व व्यय वित्त वर्ष 2024 के लिए संशोधित अनुमान 35.4 लाख करोड़ रुपये का 83.1 फीसदी रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 83.9 फीसदी रहा था।

इस बीच, वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल से फरवरी की अवधि में केंद्र सरकार का कुल व्यय 37.5 लाख करोड़ रुपये रहा जो संशोधित अनुमान का 83.4 फीसदी है। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 83.4 फीसदी रहा था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि सरकार अभी भी लक्ष्य से करीब 7.43 लाख करोड़ रुपये कम खर्च कर रही है। इसका मुख्य कारण कृषि (20,668 करोड़ रुपये), ग्रामीण विकास (48,088 करोड़ रुपये), रसायन एवं उर्वरक (16,150 करोड़ रुपये), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (26,000 करोड़ रुपये) और उपभोक्ता मामलों (35,117 करोड़ रुपये) जैसे मंत्रालयों द्वारा खर्च में कमी है। वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से फरवरी की अवधि के लिए शुद्ध कर राजस्व 18.5 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 7 फीसदी अधिक है।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि विनिवेश लक्ष्य में कुछ कमी हो सकती है, लेकिन वित्त वर्ष 2024 के लिए 17.3 लाख करोड़ रुपये के संशोधित राजकोषीय घाटा लक्ष्य तक न पहुंचने की उम्मीद नहीं है।

नायर ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष में पूरे साल के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पूरा करने के लिए मार्च 2024 में 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करना बाकी है जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा था। चालू वित्त वर्ष के लिए यह आंकड़ा भले ही थोड़ा कम दिखता हो लेकिन महीने के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर इसे हासिल करना आसान नहीं होगा। मार्च 2024 में 6 लाख करोड़ रुपये के राजस्व व्यय की गुंजाइश होगी जो मार्च 2023 में दर्ज 5.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय के मुकाबले 9 फीसदी अधिक है।’

First Published - March 28, 2024 | 11:47 PM IST

संबंधित पोस्ट