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Free Trade Agreement: भारत और पेरू FTA के अटके मुद्दे सुलझाने की ओर

8 अप्रैल से नई दिल्ली में सातवें दौर की बैठक

Last Updated- March 18, 2024 | 11:14 PM IST
India US trade

भारत और पेरू प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की रूपरेखा में प्रमुख लंबित मसलों को हल करने के करीब हैं। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों की नजर इन मुद्दों के हल होने पर है। उन्होंने बताया कि दोनों देश सातवें दौर की बैठक 8 अप्रैल से नई दिल्ली में शुरू करने वाले हैं। इसके पहले दोनों देश सेवाओं के साथ-साथ वस्तुओं पर छूट की सूची साझा करने पर विचार कर रहे हैं।

भारत-पेरू व्यापार समझौते के लिए बातचीत की शुरुआत 2017 में हुई थी और इसका पांचवां दौर अगस्त, 2019 में पूरा हुआ था। हालांकि कोविड महामारी के कारण बातचीत पर विराम लग गया था। दोनों देशों के बीच बातचीत इस साल फरवरी में फिर शुरू हुई थी और छठा दौर पेरू स्थित लीमा में पिछले महीने पूरा हुआ था। बीते महीने जारी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, ‘यह व्यापार समझौता इन देशों के नागरिकों और उद्यमियों के लिए अधिक कारोबारी संभावनाएं पैदा करेगा। इसके अलावा आर्थिक व वाणिज्यिक संबंध भी मजबूत होंगे।’

पेरू असल में भारत का 43वां सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और यह देश लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई (एलएसी) क्षेत्र में ब्राजील और चिली के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। पेरू के साथ व्यापार समझौते पर तब ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जब भारत निर्यात के मामले में अपने उत्पादों और क्षेत्र का विविधीकरण करने का प्रयास कर रहा है। एलएसी देशों के कुल वस्तु आयात में भारत का हिस्सा 2 फीसदी से भी कम है। इसलिए सरकारी अधिकारियों का मानना है कि भारत और एलएसी में द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार की काफी संभावनाएं हैं।

इसके पहले भारत ने चिली और मर्कोसुर देशों के साथ एक सीमित व्यापार समझौता किया था। मर्कोसुर देशों में अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे और पैराग्वे शामिल हैं। अभी भारत पेरू के अलावा ओमान, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन (ईयू) के साथ व्यापार समझौते पर बातचीतकर रहा है। भारत ने चार सदस्यीय यूरोपियन मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) के देशों के साथ पिछले सप्ताह ही एक व्यापार समझौता किया है।

पेरू और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 23 में 3.2 अरब डॉलर का था। भारत से पेरू को होने वाले प्रमुख उत्पाद निर्यात में कारें, सूती धागा और औषधियां शामिल हैं जबकि यह लैटिन अमेरिकी देश भारत को प्रमुख तौर पर सोना, तांबे के अयस्क व सांद्रण का निर्यात करता है। भारत ने बीते वित्त वर्ष में पेरू को 86.59 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था और वहां से 2.25 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था।

दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार भारत के लिए प्रमुख चिंता का कारण सोना हो सकता है। दरअसल, सोने के शुल्क में थोड़ी-सी भी छूट दिए जाने से आयात में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। भारत को सोने का पांचवां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता पेरू है।

जीटीआरआई की बीते महीने जारी रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत के लिए सोने के शुल्क में छूट सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। वित्त वर्ष 2023 में पेरू से होने वाला 80 फीसदी यानि 1.8 अरब डॉलर का आयात सोने का था। भारत में महंगे व कम मात्रा में आयात किए जाने वाले उत्पाद सोने पर 10 प्रतिशत बुनियादी सीमा शुल्क लगता है।’

‘उदाहरण के तौर पर भारत- यूएई में मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद कलैंडर वर्ष 2022 की तुलना में कलैंडर वर्ष 2023 में सोने का आयात दो गुना हो गया। भारत को सोने का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता यूएई ही है।’

First Published - March 18, 2024 | 11:14 PM IST

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