facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

GDP रेट 7 फीसदी के पार, वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी रही वृद्धि दर

Last Updated- May 31, 2023 | 11:39 PM IST
Economic growth
BS

देश की आ​र्थिक वृद्धि दर विश्लेषकों के अनुमान को पीछे छोड़ते हुए वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी रही। मैन्युफैक्चरिंग और निर्माण गतिविधियों में तेजी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि ने चकित किया है। साथ ही यह कमजोर वै​श्विक परिदृश्य के बीच मजबूत घरेलू मांग को दर्शाता है।

पिछले हफ्ते रॉयटर्स द्वारा 56 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।

चौथी तिमाही में उम्मीद से ज्यादा वृद्धि से पूरे वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी वृद्धि दर पहले के 7 फीसदी के अनुमान को पार कर 7.2 फीसदी पहुंच गई। राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय ने पहले अंतरिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।

बुनियादी मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन (GVA) वित्त वर्ष 2023 की मार्च तिमाही में 6.5 फीसदी और पूरे वित्त वर्ष में 7 फीसदी बढ़ा है। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था का आकार वित्त वर्ष 2023 में 272.4 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 के बजट से पूर्व जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमान से 67,039 करोड़ रुपये कम है।

लगातार दो तिमाही में गिरावट झेलने के बाद जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र ने अच्छी वापसी की और कच्चे माल की लागत कम होने तथा मार्जिन में सुधार के साथ इस क्षेत्र के उत्पादन में 4.5 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। ब्याज दरों में बढ़ोतरी और ऊंची खुदरा मुद्रास्फीति के बावजूद श्रम प्रधान निर्माण क्षेत्र में भी मार्च तिमाही के दौरान 10.4 फीसदी की तेजी देखी गई।

बेमौसम बारिश के बावजूद जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में कृ​षि क्षेत्र का उत्पादन 5.5 फीसदी बढ़ा है जबकि व्यापार, होटल और परिवहन के बेहतर प्रदर्शन के दम पर सेवा क्षेत्र में 6.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

इंडिया रेटिंग्स में प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘उम्मीद से बेहतर जीडीपी वृद्धि से संकेत मिलता है कि वै​श्विक चुनौतियों और रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण भू-राजनीतिक अनिश्चितता बरकरार रहने के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।’

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कोविड-पूर्व के स्तर वित्त वर्ष 2019 की तुलना में अर्थव्यव्स्था का विस्तार वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 17.3 फीसदी और तीसरी तिमाही में यह 15.3 फीसदी रहा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में अंतर्निहित मजबूत गति को दर्शाता है।

अंतिम निजी खपत व्यय या निजी खर्च में जनवरी-मार्च तिमाही में पिछली तिमाही की तुलना में 2.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह अर्थव्यवस्था में सुधार की कमजोर कड़ी बना हुआ है। हालांकि दो तिमाही में कम होने के बाद जनवरी-मार्च तिमाही में सरकारी व्यय में 2.3 फीसदी की तेजी आई है, जिससे सकल वृद्धि को सहारा मिला है।

अर्थव्यवस्था में मांग को दर्शाने वाले सकल ​स्थिर पूंजी निर्माण में तिमाही आधार पर 8.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे संकेत मिलता है कि सरकार पूंजीगत व्यय पर ध्यान दे रही है और निजी निवेश की गतिवि​धियां भी जोर पकड़ रही हैं। निर्यात के मोर्चे पर सेवाओं का निर्यात बढ़ने और कम आयात होने से मार्च तिमाही में व्यापार संतुलन के नुकसान की भरपाई हो गई। अर्थशा​स्त्रियों ने आशंका जताई कि वित्त वर्ष 2024 में वृद्धि की गति थोड़ी नरम पड़ सकती है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में उम्मीद से बेहतर जीडीपी वृद्धि रहने से वित्त वर्ष 2024 में वृद्धि के प्रदर्शन पर दबाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वै​श्विक नरमी की ​स्थिति में 6 फीसदी से ज्यादा वृद्धि दर बरकरार रखना चुनौतीपूर्ण होगा।

केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि 6.1 फीसदी रह सकती है।

उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्र में पारिश्रमिक बढ़ने, रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन और खाद्य मुद्रास्फीति कम रहने के अनुमान से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग का परिदृश्य अच्छा रहेगा। हालांकि मॉनसून के दौरान अल-नीनो के उभरने से कृ​षि उत्पादन तथा ग्रामीण आय पर असर पड़ सकता है।’

First Published - May 31, 2023 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट