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2 लाख करोड़ रुपये कर्ज की उगाही करेंगे सरकारी बैंक, जल्दी ही शुरू होगा अभियान

Last Updated- May 01, 2023 | 4:53 PM IST
Rs.2000 note

डिफॉल्टर कर्जदारों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने के लिए केंद्र द्वारा जोर दिए जाने के बाद, अब सरकारी बैंकों द्वारा ‘बट्टे खाते में डाले गए ऋणों’ की वसूली के लिए एक विशेष अभियान जल्दी ही शुरू किया जा सकता है। कर्ज को बट्टे खाते में तब डाल दिया जाता है जब कर्ज ली गई रकम को तय समय के अंदर बैंक में नहीं जमा किया जाता। इन हालातों में बैंक अपनी बुक में non-performing assets (NPAs) को कम करने के लिए कर्ज की रकम को बट्टे खाते में डाल देता है।

द इकॉनमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, अब इसी बट्टे खाते में डाले गए कर्ज को वसूलने के लिए सरकारी बैंक एक विशेष अभियान चलाने जा रहे हैं। सरकार ने बैंकों से कहा है कि बट्टे खाते में डाले गए लोन पर ध्यान दें और इस वित्त वर्ष में कम से कम 2 लाख करोड़ रिकवर करने की कोशिश करें।

2021-22 तक छह साल में सरकारी बैंकों ने 8.16 लाख करोड़ रुपये के बैड लोन अपनी किताब से बट्टे खाते में डाले हैं। RBI के ताजा डेटा के मुताबिक 2022-23 के शुरुआती 9 महीनों में ही, सरकारी बैंकों ने 90,958 करोड़ के बैड लोन को बट्टे खाते में डाल दिया। अधिकारियों ने आगे कहा कि उनके बोर्ड से बातचीत करके, बैंक अपने-अपने टार्गेट तय करेंगे।

एक बैंक अधिकारी ने कहा कि बैंक ने बट्टे खाते पर डाले गए लोन की रिकवरी के प्रयास किए हैं लेकिन कुछ केस अभी भी रिकवरी ट्रिब्यूनल और कोर्ट में लंबे समय से फंसे पड़े हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि बैंक वे ही लोन बट्टे खाते में डालते हैं, जिनकी रिकवरी जल्दी होनी मुमकिन न हो। इस तरह से उन लोन को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है ताकि उसकी रिकवरी प्रोसेस शुरू की जा सके।

First Published - May 1, 2023 | 4:53 PM IST

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