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कुछ साल में देश में सालाना 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आएगा : DPIIT सचिव

सरकार ने देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए रक्षा, रेलवे, बीमा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में मानदंडों को आसान बनाने सहित कई कदम उठाए हैं।

Last Updated- September 25, 2024 | 6:32 PM IST
Foreign investors are again betting in the loan market, expectation of reduction in interest rates ऋण बाजार में फिर दांव लगा रहे विदेशी निवेशक, ब्याज दरों में कमी की उम्मीद

भारत में हर साल 70-80 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आ रहा है और आने वाले वर्षों में इसके 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह बात कही है।

उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने बुधवार को कहा कि विभाग एफडीआई आवेदनों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को भी सुव्यवस्थित कर रहा है।

सरकार ने देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए रक्षा, रेलवे, बीमा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में मानदंडों को आसान बनाने सहित कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम बहुत अधिक निवेश प्रवाह का लक्ष्य बना रहे हैं। हमारे पास हर साल लगभग 70 अरब से 80 अरब डॉलर आ रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि कुछ वर्षों में यह बढ़कर कम से कम 100 अरब डॉलर प्रतिवर्ष हो जाएगा।”

भाटिया ने कहा कि अधिकांश क्षेत्रों में एफडीआई को स्वत: मंजूर मार्ग से अनुमति दी गई है, कुछ को छोड़कर जो अभी भी ‘अंकुश’ की श्रेणी में हैं। पिछले 10 वर्षों (2014-24) में देश में विदेशी निवेश का प्रवाह 667.4 अरब डॉलर रहा है, जबकि 2004-14 के दौरान यह 304.1 अरब डॉलर था। पिछले 10 वित्त वर्षों (2014-24) में विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 165.1 अरब डॉलर रहा, जो उससे पिछले 10 वित्त वर्षों (2004-14) के दौरान प्राप्त 97.7 अरब डॉलर की तुलना में 69 प्रतिशत अधिक है। वाहन, दूरसंचार और फार्मास्युटिकल्स क्षेत्रों में सबसे अधिक एफडीआई आया है।

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DPIIT में अतिरिक्त सचिव हिमानी पांडेय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत ने 22.49 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में यह 17.56 अरब डॉलर था। उन्होंने कहा, “इसलिए मुझे लगता है कि हम पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं… एफडीआई को उदार बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।”

DPIIT के अनुसार, टाटा, एलएंडटी और भारत फोर्ज जैसी भारतीय कंपनियों को अरबों डॉलर के रक्षा अनुबंध दिए गए, जिससे रक्षा विनिर्माण के बढ़ते पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिला।

First Published - September 25, 2024 | 6:20 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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