facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हो सकती है 15 प्रतिशत हिस्सेदारी, IMF ने कहा – दुनिया से बेहतर प्रदर्शन के बावजूद महंगाई दर बनी रहेगी चुनौती

Last Updated- February 21, 2023 | 10:29 PM IST
IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत रहने की संभावना है।

दक्षिण एशियाई देशों के संवाददाताओं के साथ एक गोलमेज वार्ता में IMF में एशिया एवं प्रशांत विभाग (APD) के डायरेक्टर कृष्ण श्रीनिवासन ने कहा, ‘आने वाले वर्ष (2023) में ग्लोबल ग्रोथ में भारत और चीन का अंशदान 50 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।’

वाशिंगटन के बहुपक्षीय कर्जदाता ने अनुमान लगाया है कि भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 24 में 6.1 प्रतिशत रहेगी। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

भारत की वृद्धि के हिसाब से आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछे गए सवाल के जबाव में IMF के निदेशक ने कहा कि शेष दुनिया से बेहतर प्रदर्शन के बावजूद महंगाई दर मुख्य चुनौती बनी रहेगी।

श्रीनिवासन ने कहा, ‘महंगाई चिंता का विषय है। जब प्रमुख महंगाई अधिक बनी रहेगी, ब्याज दरें ज्यादा रहेंगी। ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग प्रमुख चुनौती बनी रहेगी, क्योंकि यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के कारण बाहरी माहौल सुस्त है।’

रिजर्व बैंक ने 8 फरवरी को रीपो रेट 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। कुल मिलाकर रीपो रेट में 250आधारअंक बढ़ोतरी के बावजूद जनवरी में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक द्वारा तय महंगाई दर की ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर पहुंचकर 6.52 प्रतिशत पर चली गई। इसकी वजह से विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में दरों में और बढ़ोतरी होगी।

श्रीनिवासन ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा विनिमय दर में हस्तक्षेप किए जाने से मुद्रा में गिरावट को रोकने में मदद मिलती है लेकिन बाजार को अपने मुताबिक चलने को अनुमति देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘सामान्य रूप से देखें तो इस हस्तक्षेप से मदद मिलती है। इसके बजाय आप विनिनमय दर को अपने मुताबिक चलने देने और समायोजित होने दे सकते हैं।’

श्रीनिवासन ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान कम होने और सेवा क्षेत्र में तेजी से एशिया में मजबूत रिकवरी की राह बनी है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आया आर्थिक व्यवधान कम होने लगा है। वैश्विक वित्तीय स्थितियां सरल हुई हैं। खाद्य व तेल की कीमत घटी है। चीन की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है।’

First Published - February 21, 2023 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट