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Chinese Imports: चीन से आ सकती है सस्ते माल की बाढ़! भारत सरकार ने शुरू की हाई-लेवल मीटिंग्स

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को "रिसीप्रोकल टैरिफ" लागू करने के आदेश पर साइन किए।

Last Updated- April 04, 2025 | 5:57 PM IST
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अमेरिका द्वारा अपने व्यापारिक साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाने के बाद भारत में चीनी सामान की आमद बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार देश में आ रहे सामानों पर कड़ी नजर बनाए हुए है। वाणिज्य मंत्रालय इस स्थिति से निपटने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है। वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल के नेतृत्व में कई आंतरिक चर्चाएं हो चुकी हैं, ताकि यदि चीन अपने उत्पाद भारत की ओर मोड़ता है तो उससे कैसे निपटा जाए।

अमेरिका ने लगाए कड़े टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को “रिसीप्रोकल टैरिफ” लागू करने के आदेश पर साइन किए। इसके तहत अमेरिका ने कई देशों से आने वाले सामानों पर 10% से 50% तक की अतिरिक्त ड्यूटी लगा दी है। यह नया शुल्क 6 अप्रैल से लागू होगा, जबकि देश-विशेष पर अतिरिक्त शुल्क 9 अप्रैल से प्रभावी होगा।

भारत पर 26% का टैरिफ लगाया गया है, जबकि चीन पर सबसे ज्यादा 34% का टैरिफ लगा है। यह 34% शुल्क पहले से मौजूद 20% ड्यूटी के अतिरिक्त है, जिससे चीन पर कुल टैरिफ 54% हो गया है। यह शुल्क उन चीनी उत्पादों के अलावा है, जिन पर पहले ही जो बाइडेन प्रशासन ने सितंबर 2023 में टैरिफ लगाया था।

भारत पर असर: चीनी सामान की बाढ़ का खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में बढ़ते टैरिफ के कारण चीन अब अपने सामान को अन्य देशों में निर्यात करने की कोशिश करेगा। ऐसे में भारत में चीनी उत्पादों की बाढ़ आ सकती है और सस्ते चीनी सामान की “डंपिंग” बढ़ सकती है।

काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने कहा, “चीन पहले ही अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी घटा रहा है और भारतीय बाजार में उसकी मौजूदगी बढ़ रही है। सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि अमेरिका ने लगभग हर उत्पाद पर टैरिफ लगाया है, जिससे डंपिंग का खतरा और बढ़ गया है।”

भारत की तैयारी

सरकार का कहना है कि भारत में डंपिंग को रोकने के लिए मजबूत तंत्र मौजूद है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) के जरिए भारत में चीन से आने वाले सस्ते सामान पर लगातार नजर रखी जा रही है और कई उत्पादों पर एंटी-डंपिंग टैक्स भी लगाया जा रहा है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से फरवरी के बीच भारत ने चीन से 103.7 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जो पिछले साल की तुलना में 10.4% अधिक है। वहीं, चीन को भारत का निर्यात 15.7% घटकर 12.7 अरब डॉलर रह गया है।

भारत जिन चीनी उत्पादों का सबसे ज्यादा आयात करता है, उनमें कंप्यूटर हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम उपकरण, प्लास्टिक कच्चा माल, केमिकल और क्रेन शामिल हैं। फिलहाल भारत सरकार चीन से आने वाले केमिकल, ग्लास फाइबर, एलिवेटर गाइड रेल, लो ऐश मेट कोक और क्रेन जैसे उत्पादों पर एंटी-डंपिंग जांच कर रही है। सरकार इस खतरे से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है और चीन के उत्पादों पर और सख्ती बढ़ाने पर विचार कर रही है।

First Published - April 4, 2025 | 5:42 PM IST

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