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India-US TPF: व्यापार बढ़ाने पर होगी अमेरिका से बात

भारत और अमेरिका टीपीएफ बैठक में व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर जोर

Last Updated- January 10, 2024 | 9:48 PM IST
India and US

व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की शुक्रवार को होने जा रही मंत्रिस्तरीय बातचीत में भारत और अमेरिका कई मसलों पर बातचीत करने जा रहे हैं। इनमें अमेरिका के व्यापार तरजीह कार्यक्रम जनरलाइज्ड सिस्टम आफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) बहाल करने, सीमा पार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए समग्रीकरण समझौते और गैर शुल्क बाधाएं कम करने जैसे मसले अहम हैं।

इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि भारत दोनों देशों के अधिकारियों के बीच अधिक बातचीत पर जोर देगा। इससे निर्यात को बढ़ावा देने की योजना रेमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) के वैश्विक व्यापार मानदडों के अनुकूल होने को लेकर अमेरिका के संदेहों को दूर करने में भारत को मदद मिलेगी।

आरओडीईपी के विरोध में अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर जवाबी या सब्सिडी विरोधी शुल्क लगा रखा है, भले ही भारत ने यह साफ किया है कि यह योजना निर्यातकों द्वारा केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर इनपुट पर भुगतान किए जा रहे कर की वापसी मात्र है, इसके तहत कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है। अधिकारी ने कहा, ‘संवाद से शायद अमेरिका को विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिल सकती है, जो बातचीत न होने से दोनों देश चूक जाते।’

वहीं दूसरी तरफ, अमेरिका की प्राथमिकताओं में लैपटॉप, पीसी और आईटी हार्डवेयर पर आयात निगरानी व्यवस्था लागू करने के भारत के फैसले पर नए सिरे से चर्चा करना शामिल होगा। भारत ने नवंबर से निगरानी व्यवस्था लागू की है। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि अमेरिका एक बार फिर इस फैसले की वजह पर स्पष्टीकरण की मांग करेगा।

दोनों देश 14वें भारत-अमेरिका टीपीएफ पर शुक्रवार को बातचीत करने जा रहे हैं। इस बातचीत की संयुक्त अध्यक्षता भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका की उद्योग मंत्री (यूएसटीआर) कैथरिन ताई करेंगी। यह बैठक नई दिल्ली में होने जा रही है।

इस मंच का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को व्यापक बनाना है। मंत्रिस्तरीय बैठक खासकर इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक व निर्यात साझेदार है। दोनों देशों के बीच अप्रैल से अक्टूबर के बीच द्विपक्षीय वाणिज्यिक व्यापार 69.36 अरब डॉलर रहा है।

यह बैठक ऐसे समय होने जा रही है, जब भारत और अमेरिका के संबंध नई ऊंचाई पर हैं। दोनों देश विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में 7 विवादों को निपटाने के लिए सहमत हो गए हैं और प्रमुख नीतिगत मसलों पर दोनों देश एकमत हैं। दरअसल, दोनों देशों ने डब्ल्यूटीओ में चल रहे मामले को निपटाने पर बातचीत वाशिंगटन में पिछले साल हुए टीपीएफ में शुरू की थी।

इसके अलावा पिछले एक साल में भारत और अमेरिका नियमित रूप से संपर्क में हैं जिससे 12 अन्य देशों के साथ इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्परिटी (आईपीईएफ) के तहत समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। यह पहल दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में चीन के प्रभाव को कम करने और 14 देशों में सहयोग के साथ ज्यादा निवेश पर जोर देने की कवायद के तहत हो रही है।

भारत बाजार तक पहुंच में गैर शुल्क बाधाओं के मसलों को भी उठा सकता है। कृषि उत्पाद इसमें प्रमुख है, जिसमें दोनों देशों के निर्यातक बाजार तक पहुंच बनाने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भारत अंगूर और अनार जैसे फलों के निर्यात में आ रही समस्याओं को उठा सकता है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अजय सहाय ने कहा कि समग्रीकरण/सामाजिक सुरक्षा समझौते के पुराने मसले पर चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि भारत का आईटी उद्योग वहां बहुत धन लगा रहा है और उससे बहुत फायदा नहीं हो रहा है।

सहाय ने कहा, ‘भारत-अमेरिका एफटीए पर विचार करने का भी वक्त आ गया है। हालांकि मौजूदा सरकार (अमेरिका की) एफटीए पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहती है, लेकिन अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इसलिए हमें इसकी संभावनाओं की तलाश शुरू करनी चाहिए। यह देखना चाहिए कि क्या हम एफटीए के लिए कोई अध्ययन शुरू कर सकते हैं और स्थिति अनुकूल होने पर इसे आगे बढ़ा सकते हैं।’

First Published - January 10, 2024 | 9:48 PM IST

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