facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

India-US trade: अमेरिका संग व्यापार समझौते में भारत को बड़ा फायदा? चाय, बासमती, ऑर्गेनिक उत्पादों के निर्यात पर जोर!

बीटीए वार्ता में भारत परस्पर मान्य करार (एमआरए) पर देगा जोर, जिससे जैविक उत्पादों का निर्यात होगा आसान और लागत होगी कम।

Last Updated- March 06, 2025 | 11:07 PM IST
India- US Trade

अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर होने वाली बातचीत में भारत चाय, कॉफी, श्रीअन्न, बासमती चावल जैसे जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परस्पर मान्य करार पर जोर दे सकता है। इस मामले के जानकार एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

परस्पर मान्य समझौतों (एमआरए) के तहत देश एक-दूसरे के मानकों और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को स्वीकार करते हैं। इसके पीछे व्यापक सोच लागत कम करना और व्यापार को बढ़ावा देना है। इस मामले की जानकारी देने वाले व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अमेरिका के साथ भारत निरंतर एमआरए पर जोर दे रहा है ताकि बासमती चावल, चाय, कॉफी, श्रीअन्न जैसे ऑर्गेनिक उत्पादों और आवश्यक तेलों का निर्यात बढ़ाया जा सके।

लिहाजा बीटीए वार्ता के दौरान एमआरए पर जोर दिया जा सकता है।’भारत के ऑर्गेनिक निर्यात का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका ही है। इसके बाद यूरोपियन संघ का स्थान है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 24 में अमेरिका को 24 करोड़ डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात किया।

भारत और अमेरिका बीते कुछ वर्षों से जैविक खाद्य को लेकर एमआरए पर चर्चा कर रहे हैं। यदि यह समझौता अंतिम रूप ले लेता है तो इससे न केवल ऑर्गेनिक उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा बल्कि अनुपालन की लागत और जरूरत कम होगी। इंडियन कौंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशन्स (आईसीआरआईईआर) की प्रोफेसर अर्पिता मुखर्जी के मुताबिक पहले ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग मुख्यतौर पर विदेश से आती थी और ऐसे उत्पादों की घरेलू मांग सीमित थी। इसका परिणाम यह था कि साझेदार देश प्रमाणन को एकतरफा मान्यता दे देते थे ताकि भारत ऑर्गेनिक उत्पादों का निर्यात कर सके।

मुखर्जी ने बताया, ‘लेकिन अब ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण व्यापार साझेदार भी इनका निर्यात भारत को करना चाहते हैं। इसके परिणामस्वरूप हमें एमआरए पर हस्ताक्षर करने के साथ अपनी आयात प्रक्रिया को भी सुचारू करना होगा। हमें इसके लिए प्रमाणन एजेंसियों और प्रयोगशाला जांच की आवश्यकता होगी।’

भारत और अमेरिका ने बीत माह परस्पर लाभ वाले बीटीए को जल्द ही अंतिम रूप देने का इरादा जाहिर किया था। दोनों पक्षों ने फैसला किया था कि वे कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ाने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। वाणिज्य मंत्रालय क्षेत्रवार पहलुओं, व्यापारिक जटिलताओं और भारत के प्रमुख हितों को जानने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से बातचीत कर रहा है।

First Published - March 6, 2025 | 11:07 PM IST

संबंधित पोस्ट