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FY25 में सात प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था : NCAER

बजट में 2024-25 के दौरान राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 4.9 प्रतिशत और पूंजीगत व्यय का लक्ष्य जीडीपी के 2.4 प्रतिशत पर रखा गया है।

Last Updated- July 29, 2024 | 7:07 PM IST
Economy: Steps towards normalization अर्थव्यवस्था: सामान्यीकरण की ओर कदम

सामान्य मानसून और चुनावी अनिश्चितता दूर होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत से अधिक और शायद 7.5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। आर्थिक शोध संस्थान NCAER ने यह उम्मीद जताई है।

एनसीएईआर ने मासिक आर्थिक समीक्षा (MER) के जुलाई, 2024 के अंक में कहा कि स्थिर उपभोग मांग और लगातार सुधरती निवेश मांग के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वास्तविक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER ) की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाले संकेतकों में तेजी, सामान्य मानसून, अपेक्षाकृत बेहतर वैश्विक परिदृश्य और भारत तथा बाकी दुनिया में चुनावी अनिश्चितता कम होने के चलते वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक और शायद 7.5 प्रतिशत के करीब रह सकती है।’

गुप्ता ने कहा कि आम बजट 2024-25 राजकोषीय समेकन, विवेक और गुणवत्ता के लिहाज से अपेक्षाओं पर खरा उतरा है। बजट में 2024-25 के दौरान राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 4.9 प्रतिशत और पूंजीगत व्यय का लक्ष्य जीडीपी के 2.4 प्रतिशत पर रखा गया है।

First Published - July 29, 2024 | 7:07 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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