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सुस्त रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था, Moody’s ने भारत की ग्रोथ रेट 7.1% रहने का अनुमान लगाया, S&P ने 6.8% पर रखा बरकरार

मूडीज एनॉलिटिक्स ने 2024 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 7.1 प्रतिशत कर दिया है, जबकि जून में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

Last Updated- September 24, 2024 | 10:39 PM IST
Economy: Steps towards normalization अर्थव्यवस्था: सामान्यीकरण की ओर कदम

मूडीज एनॉलिटिक्स ने भारत की अर्थव्यवस्था सुस्त होकर 2024 में 7.1 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। एजेंसी का कहना है कि भारत की वृद्धि दर सामान्य रहने के कारण एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र का प्रदर्शन नीचे रहने का अनुमान है।

मूडीज रेटिंग्स की सहायक इकाई ने कहा, ‘विकासशील एशिया की वृद्धि दर 2024 में 5.1 प्रतिशत और 2025 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चीन की सुस्त रफ्तार एक बड़ी वजह है। घरेलू मांग कमजोर रहने के कारण चीन की घरेलू वृद्धि दर 2024 में 4.7 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो 5 प्रतिशत के आधिकारिक लक्ष्य से बहुत पीछे है। 2025 में वृद्धि दर सुस्त होकर 4.6 प्रतिशत रहेगी। भारत की वृद्धि दर भी सामान्य रहने से इस क्षेत्र का प्रदर्शन खराब होगा। महामारी के बाद 2023 में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर के बाद 2024 में भारत की वृद्धि सुस्त होकर 7.1 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।’

मूडीज एनॉलिटिक्स ने 2024 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 7.1 प्रतिशत कर दिया है, जबकि जून में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

बहरहाल वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत बरकरार रखा है। साथ ही एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि भारतीय रिजर्व बैंक अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा से ब्याज दर में कटौती शुरू कर देगा।

एसऐंडपी ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के अपने ताजा आर्थिक परिदृश्य में कहा है, ‘जून तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर सुस्त रही है, क्योंकि ज्यादा ब्याज दरों के कारण शहरी मांग प्रभावित हुई है। हमारे अनुमान के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी।’

इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भी जीडीपी वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है और कहा है कि भारत में ठोस वृद्धि से रिजर्व बैंक को महंगाई दर लक्ष्य के भीतर लाने पर ध्यान रखने में मदद मिलेगी। एसऐंडपी ने कहा कि दर में कटौती के लिए खाद्य महंगाई को रिजर्व बैंक बाधा के रूप में देखता है। उसका मानना है कि जब तक अर्थपूर्ण तरीके से इसमें कमी नहीं आती है तब तक प्रमुख महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखना मुश्किल होगा। हमारा दृष्टिकोण अपरिवर्तित है।

First Published - September 24, 2024 | 10:39 PM IST

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