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G -20 में भारत का रहेगा जोर, देश में ‘अतिरिक्त लाभ’ कमाने वाली कंपनियों पर बढ़े टैक्स

भारत ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अतिरिक्त लाभ में उचित हिस्सा पाने के लिए टैक्स लगाने के अधिकार का प्रस्ताव पेश किया है

Last Updated- July 16, 2023 | 11:44 PM IST
India's total tax receipts likely to exceed Budget Estimate in FY24

भारत जी-20 की बैठक में संबंधित देश में ‘अतिरिक्त लाभ’ कमाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कर बढ़ाने का प्रस्ताव पेश करेगा और इस समूह के साझेदार देशों का समर्थन प्राप्त करेगा। यह जानकारी सरकारी अधिकारी ने दी।

भारत के इस प्रस्ताव के पहले सूचना नहीं दी गई है। गुजरात में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों की बैठक में लंबे समय से प्रस्तावित वैश्विक कारपोरेट कर को दुरुस्त करने पर प्रगति हो सकती है लेकिन जी 20 के सदस्य देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया और जापान इस आशावादी कदम पर असर डाल सकते हैं। अनुमान है कि 140 से अधिक देश 2021 के समझौते को अगले साल से लागू करना शुरू कर सकते हैं। इस समझौते में एक दशक पुराने नियमों कैसे सकारें बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कर लगाएं का संशोधन किया गया है।

वर्तमान समय में पुराने नियमों को अप्रासंगिक माना जा रहा है। इसका कारण यह है कि डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां जैसे ऐप्पल और अमेजॉन कर कर वाले देशों में लाभ कमा सकते हैं।

अमेरिका ने इस समझौते को बढ़ावा दिया था। ऑर्गेनाइजेशंस फॉर इकनॉमिक कोपरेशन ऐंड डवलपमेंट (OECD) ने परिभाषित किया है कि यह दिग्गज वैश्विक कंपनियों पर 15 फीसदी टैक्स लगाएगा और इसके अलावा ‘अतिरिक्त लाभ’ कमाने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाएगा।

एक अधिकारी ने बताया, ‘भारत ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अतिरिक्त लाभ में उचित हिस्सा पाने के लिए कर लगाने के अधिकार का प्रस्ताव पेश किया है।’

अधिकारी ने बताया कि ओईसीडी को प्रस्ताव पेश किए गए हैं और G-20 की सोमवार और मंगलवार को होने वाली बैठक में व्यापक रूप से चर्चा होगी। तीन अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जी -20 की बैठक शुरू होने से पहले ओईसीडी से बातचीत जारी थी। भारत चाहता है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जिन देशों में कारोबार करती हैं, वहां उन पर कर बढ़ाया जाए। सूत्रों ने यह नहीं बताया कि भारत कितना कर बढ़ाना चाहता है।

First Published - July 16, 2023 | 11:44 PM IST

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