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भारत का ताइवान से हाई-टेक आयात करने पर जोर, चीन से तनाव बढ़ने का दिखा असर

Last Updated- April 11, 2023 | 10:47 PM IST
Cathay Cargo

भारत ताइवान से दूरसंचार उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों (electronic components) का आयात बढ़ाने पर जोर दे रहा है। ऐसा लगता है कि संबंध तनावपूर्ण होने के कारण चीन पर निर्भरता कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

भारत को होने वाले दूरसंचार उपकरणओं (telecom instruments) के आयात में ताइवान की हिस्सेदारी अप्रैल-फरवरी, 2023 में 9 फीसदी थी जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में यह 2.3 फीसदी थी। हालांकि इस अवधि के दौरान चीन से हाई टेक वस्तुओं का आयात जारी रहा और इसकी हिस्सेदारी 45.8 फीसदी से घटकर 43 फीसदी हो गई।

चीन से दूरसंचार उपकरणों का आयात महज 0.8 फीसदी बढ़ा जबकि ताइवान से आयात 57 फीसदी बढ़ा। ताइवान की हिस्सेदारी बढ़ना महत्त्वपूर्ण था। इसका कारण यह है कि इस अवधि के दौरान भारत के कुल दूरसंचार उपकरणों का आयात 7.5 फीसदी बढ़ा।

इसी तरह अप्रैल-जनवरी के दौरान भारत में दूरसंचार उपकरणों के आयात में ताइवान की हिस्सेदारी सालाना आधार पर दोगुनी बढ़कर 6 फीसदी हो गई जबकि चीन की हिस्सेदारी करीब 14 फीसदी कम होकर 32.8 फीसदी हो गई।

मूल्य के संदर्भ में भारत को चीन से होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों का आयात 29 फीसदी कम हुआ और यह 7.4 अरब डॉलर का हुआ था। हालांकि ताइवान से होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों का आयात बढ़कर 1.3 अरब डॉलर हो गया। भारत को ताइवान से होने वाला कुल आयात अप्रैल-फरवरी में 34 फीसदी बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गया। हालांकि इस अवधि के दौरान चीन से आयात भी 6.2 फीसदी बढ़ा। लेकिन, भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी इस अवधि के दौरान 15.5 फीसदी से गिरकर 13.8 फीसदी हो गई।

वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात पर दबाव बढ़ा है। केंद्र सरकार गैर जरूरी और आयात के विकल्पों पर प्रतिबंध लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। चीन से सीमा पर तनाव बढ़ने और आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के कारण भारत हाई टेक वस्तुओं के आयात के लिए ताइवान पर अधिक आश्रित हो रहा है। ताइवान से अप्रैल-फरवरी के दौरान दो वस्तुओं मोबाइल डिस्प्ले स्क्रीन (94.9 करोड़ डॉलर) और मोनोलिथिकल इंटीग्रेटिड सर्किट्स या चिप (85.3 करोड़ डॉलर) का आयात हुआ।

First Published - April 11, 2023 | 6:43 PM IST

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