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India’s trade: निर्यात 12 गुना, आयात 15 गुना बढ़ा, भारत के वैश्विक व्यापार में अभी भी चुनौतियां कायम

भारत के विश्व से व्यापारिक संबंध बीते 25 वर्षों में विकसित हुए, नई साझेदारी बनी और पुरानी साझेदारी मजबूत हुईं

Last Updated- December 29, 2024 | 11:43 PM IST
Exports increased 12 times, imports increased 15 times, but challenges still persist in India's global trade निर्यात 12 गुना, आयात 15 गुना बढ़ा, मगर भारत के वैश्विक व्यापार में अभी भी चुनौतियां कायम

नई सहस्त्राब्दी की शुरुआत के बाद से भारत के व्यापार का नजारा बदल गया है। भारत का निर्यात 12 गुना और आयात 15 गुना बढ़ा है। इस वृद्धि से न केवल उत्पाद की श्रेणी का विविधीकरण हुआ है बल्कि नए भौगोलिक क्षेत्रों तक विस्तार से भारत ने वैश्विक व्यापार में अपनी अलग छाप छोड़ी है।

अमेरिका दो दशक से भी अधिक समय से भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। अमेरिका वर्ष 1999-2000 से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत के लिए अमेरिका तबसे नियमित रूप से निर्यात का प्राथमिक गंतव्य और शीर्ष पांच आयातक स्रोतों में से एक बना हुआ है। चीन जो भारत का 16वां व्यापारिक साझेदार था, वह इस सदी में दूसरा सबसे बड़ा साझेदार बन गया। इसके अलावा भारत के लिए चीन आयात का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है।

अमेरिका के अलावा जर्मनी, बेल्जियम, ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देश भारत के पारंपरिक निर्यात बाजार थे। हालांकि 1999-2000 के बाद भारत के अन्य क्षेत्रों से व्यापारिक संबंध मजबूत हुए। एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में विशेष तौर पर चीन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और जापान को निर्यात में इजाफा हुआ।

आर्थिक समीक्षा 2023-24 के अनुसार विकासशील क्षेत्रों – एशिया और अफ्रीका – को भारत का कुल निर्यात 1999 – 2000 (वित्त वर्ष 2000) के 42.9 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 52 फीसदी हो गया। भारत के प्रमुख निर्यात साझेदार के रूप में यूएई, सिंगापुर, चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया उभरे हैं। समीक्षा ने यह भी बताया कि भारत के शीर्ष 10 निर्यात गंतव्यों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2000 के 61.9 फीसदी से गिरकर वित्त वर्ष 2024 में 50.5 फीसदी रह गई। यह भारत के निर्यात का आधार बढ़ने का भी संकेत है।

First Published - December 29, 2024 | 11:23 PM IST

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