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2025-26 में लक्ष्य के करीब होगी महंगाई दर, RBI की रिपोर्ट में रीपो रेट नहीं घटने का इशारा

रिपोर्ट में कहा गया है, 'सब्जी, अनाज, दलहन, मांस एवं मछली के दाम अधिक रहने से खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति निकट भविष्य में तेजी दिखाते हुए 5 प्रतिशत के इर्द-गिर्द रह सकती है।

Last Updated- May 22, 2024 | 6:56 AM IST
Retail Inflation: Retail inflation remains at 5.22 percent, hopes of interest rate cut bleak खुदरा महंगाई रह गई 5.22 फीसदी, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद हुई धूमिल

RBI report: भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के दौरान रीपो दर में कटौती की उम्मीदें करीब-करीब खत्म ही कर दी हैं। आज जारी रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 4 प्रतिशत के अपने तय लक्ष्य की ओर जा सकती है और यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक 2025-26 में वह इस आंकड़े यानी 4 प्रतिशत के करीब नहीं पहुंचती।

यह रिपोर्ट मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने तैयार की है। इसमें कहा गया है कि पिछले साल अधिक होने के कारण इस साल जुलाई और अगस्त में मुद्रास्फीति के आंकड़े नीचे आ सकते हैं मगर सितंबर में वह एक बार फिर चढ़ जाएंगे।

रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट हमारे उस अनुमान को सही साबित करती है कि मुद्रास्फीति उतार-चढ़ाव के साथ 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ेगी। मगर यह भी लिखा गया कि ये केंद्रीय बैंक के विचार नहीं हैं।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। उसे लगता है कि पहली तिमाही में यह 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रह सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सब्जी, अनाज, दलहन, मांस एवं मछली के दाम अधिक रहने से खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति निकट भविष्य में तेजी दिखाते हुए 5 प्रतिशत के इर्द-गिर्द रह सकती है। अप्रैल में मौद्रिक नीति की समीक्षा में अनुमान लगाया गया था कि ईंधन के दाम में कमी और मुख्य मुद्रास्फीति एकदम नीचे जाने के बावजूद खाद्य महंगाई के कारण खुदरा मुद्रास्फीति तेज ही रहेगी।’ खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मार्च में 4.9 प्रतिशत थी और अप्रैल में मामूली कमी के साथ 4.8 प्रतिशत रह गई।

रिजर्व बैंक की छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रीपो दर में 250 अंक का इजाफा किया था। मगर पिछले साल अप्रैल से उसने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।

अप्रैल में मुख्य मुद्रास्फीति साल भर पहले के मुकाबले घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई, जो इसका सबसे कम आंकड़ा है। मार्च में यह 3.3 प्रतिशत थी। केंद्रीय बैंक चाहता है कि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर पहुंचे और वहीं बनी रहे।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत से पूरी दुनिया की उम्मीद बढ़ रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के बाद भी भारत आर्थिक मोर्चे पर लंबी छलांग लगाने के बेहद करीब है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच उभरती अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक जमकर सोना खरीद रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इन देशों के केंद्रीय बैंकों ने 2024 की पहली तिमाही में 290 टन सोना खरीदा है, जो दुनिया में सोने की कुल मांग का लगभग एक चौथाई है।

First Published - May 21, 2024 | 9:35 PM IST

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