facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

इजरायल-हमास युद्ध का कारोबार पर असर नहीं, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें चिंता की बात: CEO सर्वे

सर्वेक्षण में शामिल 15 सीईओ में से 86.67 फीसदी ने कहा कि युद्ध का उनके परिचालन या निवेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा और देश में उनका कामकाज सही चल रहा है।

Last Updated- October 29, 2023 | 9:26 PM IST
टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में मिले 20,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव

भारतीय कंपनियों के ज्यादातर मुख्य कार्या​धिकारी (CEO) मानते हैं कि इजरायल-हमास युद्ध का लंबे समय में उनकी बिक्री और कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मगर बिज़नेस स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में शामिल सीईओ ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव उनके लिए चिंता की बड़ी वजह है।

सर्वेक्षण में शामिल 15 सीईओ में से 86.67 फीसदी ने कहा कि युद्ध का उनके परिचालन या निवेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा और देश में उनका कामकाज सही चल रहा है। चेन्नई की एक फर्म के सीईओ ने पहले विश्व युद्ध के शुरुआती दौर को बयां करने वाली एक किताब का जिक्र करते हुए कहा, ‘इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। भू-राजनीतिक ​स्थिति अ​स्थिर और नाजुक दौर में है लेकिन मैं आशा करता हूं कि यह पुलित्जर पुरस्कार विजेता बारबरा टचमैन की किताब ‘द गन्स ऑफ अगस्त’ में दिखाई गई ​स्थिति की तरह नहीं होगी।’

सर्वेक्षण में शामिल 60 फीसदी सीईओ का कहना है कि पश्चिम एशिया में अगर इजरायल तनाव गहराता है तो इससे समस्या हो सकती है, लेकिन फिलहाल उनकी लागत में किसी तरह का इजाफा होने की आशंका नहीं है।

एक फार्मास्युटिकल निर्यातक फर्म के सीईओ ने कहा, ‘हमारा पिछला अनुभव यह है कि युद्ध के साथ ढेर सारी क्षेत्रीय और वैश्विक अड़चनें भी आती हैं और सामान्य आ​र्थिक गतिवि​धियों पर असर पड़ता है। नियामकीय मंजूरी और नए सौदों की रफ्तार धीमी हो जाती है।’

एक अन्य सीईओ ने उम्मीद जताई कि युद्ध से ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। एक सीमेंट कंपनी के प्रमुख ने कहा, ‘यह अप्रत्याशित तो है ही मगर भारत में वृद्धि पर कोई असर नहीं पड़ेगा और हमारी ज्यादातर बिक्री भारत में ही होती है।’

मगर कच्चे तेल की कीमतों पर इस युद्ध का असर पड़ेगा और उनकी लागत बढ़ सकती है। पिछले शुक्रवार को तेल के दाम 3 फीसदी चढ़कर एक हफ्ते के उच्च स्तर 90.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए। इजरायल-गाजा तनाव बढ़ने से वै​श्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति अटकने की आशंका बढ़ी है और तेल के दाम चढ़े हैं। यूएस वेस्ट टैक्सस इंटरमीडिएट क्रूड 2.8 फीसदी बढ़कर 85.54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

तेल विश्लेषकों का अनुमान है कि ईरान या हिजबुल्ला भी युद्ध में सीधे उतर गए तो तेल के दाम बेकाबू हो सकते हैं और ब्रेंट क्रूड 90 से 10 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार कर सकता है। तकरीबन 53.33 फीसदी प्रतिभागियों ने आशंका जताई कि भू-राजनीतिक ​स्थिति और बिगड़ सकती है।

एक बड़ी स्टील कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘अभी तक तेल की आपूर्ति में कोई बड़ी रुकावट नहीं दिखी है और तेल के दाम एक दायरे में ही चल रहे हैं। विवाद बढ़ने का असर तेल की आपूर्ति पर पड़ सकता है, जिससे ईंधन की लागत बढ़ सकती है।’

46.67 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 5 फीसदी के पार पहुंचने से विदेशी पूंजी महंगी हो गई है और उनके लिए कर्ज की लागत बढ़ गई है। एक कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘भारतीय कंपनियों के लिए विदेश से पूंजी जुटाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है और ब्याज दर बढ़कर 11-12 फीसदी हो सकती है।’

एक सीईओ ने कहा कि युद्ध से अतिरिक्त कारोबार भी मिल सकता है। बाजार में उतार-चढ़ाव से ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ सकता है। एक आईटी फर्म के सीईओ ने कहा कि बाजार में गिरावट आई तो इससे दूर बैठे कई निवेशक बाजार में दांव लगाने आ सकते हैं। मगर अ​धिकतर प्रतिभागियों को लगता है कि युद्ध के कारण कारोबार के नए अवसर फिलहाल नहीं होंगे।

(देव चटर्जी, ई​शिता आयान दत्त, सोहिनी दास, सौरभ लेले, शाइन जैकब, समी मोडक और अभिषेक कुमार)

First Published - October 29, 2023 | 9:26 PM IST

संबंधित पोस्ट