facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Manufacturing PMI: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार हुई सुस्त, सितंबर में 8 माह के निचले स्तर पर पहुंची

मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) सितम्बर में 56.5 रहा, जो अगस्त में 57.5 था।

Last Updated- October 01, 2024 | 1:25 PM IST
PMI Data: India's manufacturing sector regained momentum in October due to strong demand मजबूत मांग के कारण भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अक्टूबर में फिर गति हासिल की

Manufacturing PMI: देश के मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर सितंबर में आठ महीने के निचले स्तर पर आ गई। मैनुफेक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि में सुस्ती का कारण फैक्ट्री उत्पादन और बिक्री में नरम विस्तार था, जो वर्ष की शुरुआत के बाद से सितंबर में सबसे कमजोर स्तर पर रहा। मंगलवार को जारी एक मासिक सर्वे में यह जानकारी दी गई।

मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया मैन्युफेक्चरिंग पर्चेसिंग मैनेजर इंडेक्स’ (PMI) सितम्बर में 56.5 रहा, जो अगस्त में 57.5 था। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर इंडेक्स होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।

सर्वेक्षण के अनुसार, कारोबारी आत्मविश्वास मोटे तौर पर इसके लॉन्ग टर्म एवरेज के अनुरूप रहा। कीमतों के मोर्चे पर, वस्तु उत्पादकों को सितम्बर के दौरान इनपुट लागत और बिक्री शुल्क में मध्यम वृद्धि हुई है।

सर्वे में कहा गया, “सितंबर के आंकड़ों से पता चला कि पूरे भारत में विनिर्माण वृद्धि को हल्का झटका लगा है। लगातार तीसरे महीने फैक्टरी उत्पादन और बिक्री में विस्तार की दर में गिरावट आई है, जो कि साल के अंत के बाद से सबसे कमजोर स्तर पर है। अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर में पिछले डेढ़ साल में सबसे धीमी गति से वृद्धि हुई है।”

एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि गर्मी के महीनों के दौरान देखी गई मजबूत वृद्धि के बाद सितंबर में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गति नरम हो गई। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्पादन और नए ऑर्डर धीमी गति से बढ़े।”

First Published - October 1, 2024 | 1:17 PM IST

संबंधित पोस्ट