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इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों में लगेगा ज्यादा देसी सामान, प्रस्तावित PLI योजना में 35 से 40 फीसदी मूल्यवर्द्धन का प्रस्ताव

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के पहले 100 दिन के कामकाज में कलपुर्जा विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना पर काम होने की उम्मीद है।

Last Updated- June 11, 2024 | 10:16 PM IST
इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों में लगेगा ज्यादा देसी सामान, प्रस्तावित PLI योजना में 35 से 40 फीसदी मूल्यवर्द्धन का प्रस्ताव, More indigenous goods will be used in electronic components, 35 to 40 percent value addition proposed in the proposed PLI scheme

इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के लिए प्रस्तावित उत्पादन आ​धारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में सरकार 35 से 40 फीसदी मूल्यवर्द्धन स्थानीय तौर पर किए जाने का लक्ष्य रखेगी। सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इस तरह अप्रैल 2020 में शुरू किए गए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (स्पेक्स) पीएलआई के लिए 18 से 20 फीसदी मूल्यवर्द्धन को अब दोगुना किया जाएगा।

मामले की जानकारी रखने वाले अ​धिकारियों के अनुसार योजना शुरू होने के बाद उत्पादों का मूल्यवर्द्धन बढ़ेगा, जिससे भारत आगे जाकर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में दूसरे देशों को टक्कर देगा। 40 फीसदी स्थानीय मूल्यवर्द्धन का लक्ष्य चीन के बराबर होगा। मगर अनुमान है कि चीन में विनिर्माण और असेंबली का काम चालू होने के कई दशक बाद स्थानीय मूल्यवर्द्धन 40 से 50 फीसदी तक पहुंच पाया।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के पहले 100 दिन के कामकाज में कलपुर्जा विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना पर काम होने की उम्मीद है। समझा जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई योजना को अंतिम रूप देने से पहले नीति आयोग और वित्त मंत्रालय से सलाह मशविरा कर रहा है।

आईटी मंत्रालय ने पहले 100 दिन के अपने एजेंडा में 30 से अधिक बिंदुओं की सूची सौंपी है और उनमें इस योजना को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है। नई योजना में मंत्रालय जिन कलपुर्जों को शामिल करेगा, उनकी प्रारं​भिक तौर पर पहचान की जा चुकी है। उद्योग सहित वि​भिन्न पक्षों के साथ परामर्श के बाद जल्द ही सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में स्थानीय मूल्यवर्द्धन बढ़ने पर आयात के बजाय देसी उद्यमियों से ज्यादा मात्रा में कलपुर्जे लिए जाएंगे। इससे देश के राजस्व में भी इजाफा होगा। नई योजना इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण और सेमीकंडक्टर कलपुर्जा संवर्द्धन योजना (स्पेक्स) की जगह लेगी, जो इस साल 31 मार्च को खत्म हो गई।

स्पेक्स योजना 2020 में तीन साल के लिए लाई गई थी और इसे 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया था। इसके तहत कई इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए होने वाले पूंजीगत खर्च का 25 फीसदी हिस्सा वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में लौटा दिया जाता था। इन वस्तुओं में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे, सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन इकाइयां आदि शामिल थीं।

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन से 2025-26 तक 300 अरब डॉलर राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा था।

First Published - June 11, 2024 | 10:16 PM IST

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