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जून तिमाही में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.8 फीसदी बढ़ा, सरकारी खजाने को मिला दम

रिफंड के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.62 लाख करोड़ रुपये, आयकर विभाग ने रिफंड किए 53,140 करोड़ रुपये

Last Updated- June 17, 2024 | 10:38 PM IST
जून तिमाही में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.8 फीसदी बढ़ा, सरकारी खजाने को मिला दम, Net direct tax collection increased by 9.8 percent in June quarter, government treasury got a boost

वित्त वर्ष 2025 की जून तिमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.62 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 9.81 प्रतिशत इजाफा हुआ है। आंकड़ों की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने आज बताया कि 16 जून तक कुल कर संग्रह में कंपनी कर का हिस्सा 1.81 लाख करोड़ रुपये रहा और व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी 2.69 लाख करोड़ रुपये रही।

अधिकारी ने कहा कि इनमें अग्रिम कर संग्रह भी शामिल है, जो लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये रहा। अग्रिम कर की पहली किस्त जमा करने की आखिरी तारीख 15 जून थी। मगर करदाताओं को जारी होने वाला शुद्ध रिफंड घटाने के बाद 16 जून तक कर संग्रह सरकार के चालू वित्त वर्ष के कर राजस्व अनुमान से कम रहा है। सरकार ने अंतरिम बजट में कंपनी और व्यक्तिगत आयकर में 13-13 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था।

अधिकारी ने कहा, ‘ये आंकड़े अस्थायी हैं और इनमें 16 जून तक हुए भुगतान का जिक्र है।‘ उन्होंने कहा कि अंतिम आंकड़े अलग रह सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि दो दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को जब बैंक खुलेंगे तो आंकड़ा बदलकर ज्यादा हो जाना चाहिए। 16 जून तक कुल कर संग्रह 5.15 लाख करोड़ रुपये रहा था। आयकर विभाग ने 16 जून तक 53,140 करोड़ रुपये रिफंड किए थे।

दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘शुरुआती आंकड़े तो यही कह रहे हैं कि जून तिमाही में कर संग्रह अच्छा रहा है।‘ अन्य करों में प्रतिभूति लेनदेन कर 11,605 करोड़ रुपये और समानीकरण शुल्क (इक्वलाइजेशन लेवी) 698 करोड़ रुपये रहे। वित्त वर्ष 2025 में सरकार प्रत्यक्ष कर से सरकारी खजाने में 21.99 लाख करोड़ रुपये आने की उम्मीद कर रही है।

उसे अप्रत्यक्ष कर से 16.31 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। कुल संग्रह में मुंबई की हिस्सेदारी सबसे अधिक 1.19 लाख करोड़ रुपये है। इसके बाद कर्नाटक एवं गोवा ने 52,076 करोड़ रुपये और दिल्ली ने 48,876 करोड़ रुपये का योगदान किया।

वित्त वर्ष 2024 में केंद्र को रिफंड देने के बाद प्रत्यक्ष कर राजस्व के मद में 19.58 लाख करोड़ रुपये मिले थे, जो 2022-23 की तुलना में 17.7 प्रतिशत अधिक थे। सरकार ने फरवरी में पेश अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह का पहला अनुमान 18.23 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। इसकी वजह व्यक्तिगत आयकर का आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ रुपये अधिक रहना था।

कुल कर में प्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2025 में इसका हिस्सा बढ़कर 57.4 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 के बजट में 54.4 प्रतिशत रहने का अनुमान था। नई सरकार जुलाई के मध्य में अपना पहला पूर्ण बजट लाने की तैयारी में जुटी है। देखना होगा कि पिछले वित्त वर्ष में हुई बढ़ोतरी के बाद सरकार इस पूरे वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर का अपना लक्ष्य बढ़ाती है या नहीं।

First Published - June 17, 2024 | 10:38 PM IST

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