वैश्विक बाजार में मची हलचल के बीच अमेरिकी वित्त मंत्री हेनरी पॉल्सन ने कहा कि वह भारत समेत जी-20 के सदस्य देशों की बैठक चाहते हैं ताकि इस संकट से निपटने के तरीकों पर विचार किया जा सके। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘जी-20 के अध्यक्ष देश ब्राजील के परामर्श से मैं एक विशेष बैठक […]
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वित्त मंत्रालय विदेशी उधार के मानदंडों में और ढिलाई बरतने पर विचार कर रहा है। खासतौर पर विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी भारतीय कंपनियों के लिए नियमों में छूट देने पर विचार किया जा रहा है। कॉरपोरेट और सरकारी ऋण इंस्ट्रूमेंट्स में विदेशी संस्थागत निवेशकों को अधिक पैसा लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए भी […]
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अर्थव्यवस्था पर छा रहे वित्तीय संकटों के बादलों को कुछ हद तक दूर करने के लिए छह देशों ने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की। जिसमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के अलावा चार और देशों के केंद्रीय बैंकों ने एक आपातकालीन निर्णय लेते हुए संयुक्त रूप से ब्याज दरों में कटौती […]
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रिजर्व बैंक द्वारा सीआरआर में कटौती किए जाने के बाद अर्थशास्त्री इस बात की संभावना जता रहें हैं कि बाजार में और अधिक तरलता को बहाल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक सीआरआर में और कटौती कर सकता है। ताजा जारी वैश्विक आर्थिक संकट के मद्देजनर बैंकों के बीच लेंडिंग बहुत महंगा हो गया है […]
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सीआरआर कटौती और पी नोट्स से हटी पाबंदी की दवा भी विदेशी मंदी के संक्रमण से भारतीय शेयर बाजारों को बचा न सकी। देसी बाजार भी मंगलवार को यूरोपीय बाजारों के साथ कदमताल करते नजर आए। यूरोपीय बाजार कारोबार की शुरुआत में बढ़त के साथ खुले, ठीक वैसे ही बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स सोमवार […]
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वैश्विक वित्तीय बाजार में मंडरा रहे संकट से अगर यहां के वित्तीय सिस्टम पर अधिक असर पड़ा तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सीआरआर की दरों में कटौती करने की घोषणा कर सकता है। यह बात गोल्डमैन सैक्स और जेपी मोर्गन के हवाले से कही गई है। ज्ञातव्य है कि सोमवार को आरबीआई ने सीआरआर की […]
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वित्तीय संकट के मद्देनजर वित्तीय संकट के मद्देनजर अमेरिकी उपभोक्ताओं ने पिछली तिमाही के दौरान अपने खर्चे में तीन फीसदी की कटौती की है। न्यूयॉर्क टाईम्स के अनुसार 1990 के बाद की पहली तिमाही गिरावट, जो 1990 से लेकर अब तक किसी तिमाही के दौरान हुई सबसे तेज गिरावट है। 1981 बाद हुई यह सबसे […]
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वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट कार्य के लिए किया गया एक अनुबंध है जिसमें संपत्ति का हस्तांतरण किया जाता है और साथ ही उत्पादों और सेवाओं की भी बिक्री की जाती है। इस तरह ऐसे अनुबंध पूरी तरह से कंपोजिट कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनमें उत्पादों की आपूर्ति के साथ साथ सेवाओं के लिए भी प्रावधान होता है। वर्क्स […]
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भले ही रिटेल के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को प्रत्यक्ष तौर पर कदम रखने की इजाजत नहीं हो पर फ्रेंचाइजी के रास्ते विदेशी कंपनियां भारत में उपस्थिति दर्ज कराती रही हैं। फिर भी फ्रेंचाइजी के लिए देश में कोई कानून अभी तक नहीं बनाया गया है। हालांकि मलेशिया और कोरिया जैसे उभरते देशों ने फ्रेंचाइजी […]
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औद्योगिक शब्दावली में यदि कोई मुद्दा है जिसमें राय एक–दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं, तो वह है पुरानी मशीनरी के आयात का मुद्दा। पुरानी मशीनरी का इस्तेमाल करने वाले उन्हें इसलिए आयात करते हैं क्योंकि वे काफी सस्ती होती हैं। वे यह तर्क देते हैं कि यदि ऐसी मशीनरी काफी मुनाफे के साथ उत्पादों के […]
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