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Pharma Exports: दवाओं का निर्यात 27 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

वैश्विक मंदी के बीच भी इस बार होगा अधिकतम निर्यात

Last Updated- December 25, 2022 | 10:35 PM IST
Empagliflozin

भारत से दवा का निर्यात (Pharma Exports) वित्त वर्ष 2023 में 27 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है। फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (Pharmexcil) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अब तक का सबसे अधिक मूल्यांकन वाला निर्यात होगा।

वित्त वर्ष 2022 में भारत ने 24.62 अरब डॉलर के दवा उत्पादों का निर्यात किया था। इस वर्ष, अप्रैल से नवंबर के दौरान भारत ने 16.57 अरब डॉलर के दवा उत्पादों का निर्यात किया है।
पिछले वर्ष की इसी अ​वधि के मुकाबले इस वर्ष भारत से निर्यात में 4.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, पिछले नवंबर के मुकाबले, इस वर्ष के नवंबर में 12 फीसदी की भारी बढ़ोतरी देखी गई। ​मासिक दर पर भी इस वित्त वर्ष में 5.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा रही है।

आने वाले महीने में बेहतर वृद्धि दर देखने को मिलेगी-उदय भास्कर

फार्मेक्सिल के निदेशक उदय भास्कर ने कहा कि अप्रैल-नवंबर की अवधि के दौरान 4.3 फीसदी की राजकोषीय वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में काफी बेहतर है। भाष्कर ने कहा कि आने वाले महीने में बेहतर वृद्धि दर देखने को मिलेगी। पारंपरिक रूप से, जनवरी से मार्च के बीच का समय दवा उत्पादों के निर्यात के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। दिसंबर में छुट्टियों के समाप्त होने के बाद से, ऐसी उम्मीद है कि 7-8 फीसदी प्रतिमाह की बढ़ोतरी अगले तीन माह तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में भारत 27 अरब डॉलर का कुल निर्यात करने में सफल हो सकता है, जबकि यह पिछले वर्ष 24.6 अरब डॉलर तक पहुंच पाया था।

भारत से सबसे अधिक निर्यात यूरोपीय देशों में हुआ

इस वित्त वर्ष में भारत से सबसे अधिक निर्यात यूरोपीय देशों में हुआ है। यूरोपीय देशों में कुल निर्यात 14.19 फीसदी हुआ, जबकि अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको (नाफ्टा) के लिए कुल निर्यात 67.5 फीसदी हुआ। यूरोपीय देशों के बाद पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका में निर्यात सबसे अधिक हुआ। इन देशों में कुल निर्यात 12.68 फीसदी था।
पिछले वर्ष यूरोप और अमेरिका में कुल मिलाकर 51 फीसदी निर्यात हुआ था और इस वित्त वर्ष में यह उम्मीद है कि इन देशों से और अधिक निर्यात दर दर्ज की जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि यूरोप में निर्यात इस बार बेहतर स्थिति में है।

विशेषज्ञ भी इस अनुमान पर सहमत हैं। नुवामा रिसर्च के विश्लेषक कुनाल कांदेरिया ने कहा कि यूरोप से मांग में बढ़ोतरी जारी है, और इसके साथ ही इन्वेंटरी की स्थिति भी आसान हो रही है। भाष्कर ने कहा कि जहां तक निर्यात की बात है, अ​फ्रीका में निर्यात पर थोड़ी कमी देखी जा सकती है।

यह भी पढ़ें: कर संग्रह में उछाल से उत्साहित सरकार अगले साल ITR फॉर्म में कर सकती है बदलाव

दक्षिण एशिया में सबसे अधिक नकारात्मक रहा निर्यात

फार्मेक्सिल के डेटा के अनुसार, अफ्रीका में निर्यात इस वित्त वर्ष में 1.6 फीसदी तक पहुंचा है। दक्षिण एशिया में सबसे अधिक नकारात्मक निर्यात रहा। अप्रैल और नवंबर के बीच निर्यात में 15 फीसदी की कमी देखी गई। भाष्कर ने कहा कि अफ्रीका में अधिकतर खरीदारी एनजीओ के माध्यम से हो रही है, जिसमें विशेष रूप से कोविड-19 और अन्य संक्रमण रोधी इलाज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात दर काफी हद तक कमजोर भी हो गई है, और अफ्रीकी देशों में डॉलर भी काफी मजबूत हो रहा है, जिसके कारण आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है।

गुजरात स्थित एक फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फार्मास्युटिकल्स कंपनी भी इस बात को मानती हैं कि अफ्रीका में नाइजीरिया की बाजार सबसे बेहतर है,और वहां की मुद्रा डॉलर के मुकाबले कमजोर होती जा रही है और इसके कारण इस देश ने अपने आयात में कमी कर दी है।

First Published - December 25, 2022 | 5:53 PM IST

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