facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

लाल सागर में अशांति से पड़ सकता है भारत की वृद्धि पर असरः Fitch

Fitch रिपोर्ट के मुताबिक भारत और बांग्लादेश दो प्रमुख देश हैं, जो लाल सागर के व्यवधानों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

Last Updated- January 22, 2024 | 11:19 PM IST
Economic growth

लाल सागर से होकर गुजरने वाले व्यापारिक मार्ग पर हो रहे हूती हमलों का दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ने की आशंका है। फिच समूह ने रिपोर्ट में कहा कि यह मार्ग दक्षिण एशिया के लिए अहम है और हमलों के कारण के मार्ग बदलने से कारोबार की दूरी, ढुलाई की अवधि और लागत में बढ़ोतरी होगी। इसमें कहा गया है कि इस व्यवधान के लंबा खिंचने की स्थिति में भारत के आर्थिक अनुमान पर असर पड़ सकता है।

फिच समूह की एक इकाई बीएमआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘अगर लाल सागर में व्यवधान बना रहता है तो इससे भारत और बांग्लादेश की वृद्धि के अनुमान में संशोधन करना पड़ सकता है। इससे 2024 में हमारे एशिया के 4 प्रतिशत वृद्धि के पहले के अनुमान पर असर पड़ेगा।’

रिपोर्ट के मुताबिक भारत और बांग्लादेश दो प्रमुख देश हैं, जो लाल सागर के व्यवधानों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इस साल जीडीपी वृद्धि में इन देशों के अहम योगदान का अनुमान लगाया गया है।

लाल सागर प्रमुख समुद्री यातायात का मार्ग है, जो सीधे स्वेज नहर से जुड़ा है। इस मार्ग से यूरोप और एशिया के बीच दूरी में उल्लेखनीय कमी आती है और इस मार्ग से कुल वैश्विक कारोबार का 12 प्रतिशत कारोबार होता है। इस संकट के कारण कंटेनरों की आवाजाही और समुद्र से माल ढुलाई का बाजार प्रभावित हो रहा है और इससे पूरी दुनिया में महंगाई दर बढ़ने का खतरा है।

पिछले सप्ताह भारत के वाणिज्य विभाग ने कहा था कि हूती विद्रोहियों के हमले के कारण माल ढुलाई, बीमा का प्रीमियम और ढुलाई का वक्त बढ़ा है। इसके कारण आयातित वस्तुएं महंगी पड़ रही हैं।

वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने कहा है कि व्यापार में उतार चढ़ाव को देखते हुए निर्यातकों को आसानी से ऋण मुहैया कराया जाना चाहिए। ड्रेवरी वर्ल्ड कंटेनर इंडेक्स के मुताबिक संकट शुरू होने के बाद समुद्र मार्ग से ढुलाई की दर तीन गुना बढ़ी है। 18 जनवरी को 40 फुट के कंटेनर का किराया 3,777 डॉलर हो गया है। पिछले सप्ताह दर में 23 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

चीन और अमेरिका के बीच माल ढुलाई की दर एक सप्ताह में 35 प्रतिशत बढ़ी है, जितनी अन्य समुद्री मार्गों पर हुई है।

फिच ने कहा, ‘2021 में 6 दिन के ब्लॉकेज और छह दिवसीय युद्ध और योम किप्पुर युद्ध के कारण 1967 से 1975 तक स्वेज नहर बंद रहने से नहर के रास्ते से शिपिंग प्रभावित हुआ था। इससे पता चलता है कि नहर और लाल सागर के रास्ते कारोबार वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर डालता है। उदाहरण के लिए रुकावट के कारण 6 दिनों में से प्रत्येक दिन अनुमानित रूप से 9 अरब डॉलर का व्यापार रुका था।’

First Published - January 22, 2024 | 11:15 PM IST

संबंधित पोस्ट