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अप्रैल-नवंबर के दौरान राजकोषीय घाटे से राहत, पूंजीगत खर्च में भी आई कमी; अर्थशास्त्रियों ने बताई वजह

वित्त वर्ष 24 के अप्रैल-नवंबर के दौरान राजकोषीय घाटा 9.1 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो वित्त वर्ष 23 के अप्रैल नवंबर के दौरान 9.8 लाख करोड़ रुपये था।

Last Updated- December 29, 2023 | 9:47 PM IST
अर्थतंत्र: नई राजकोषीय नीति से जुड़े सवाल Economy: Questions related to new fiscal policy

केंद्र का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीने में लक्ष्य के 50.7 प्रतिशत पर है। सरकार ने पूरे वित्त वर्ष के लिए घाटे का लक्ष्य 17.87 लाख करोड़ रुपये रखा था। पिछले साल की समान अवधि के 58.9 फीसदी की तुलना में इस साल का घाटा लक्ष्य से बहुत कम है।

वित्त वर्ष 24 के अप्रैल-नवंबर के दौरान राजकोषीय घाटा 9.1 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो वित्त वर्ष 23 के अप्रैल नवंबर के दौरान 9.8 लाख करोड़ रुपये था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों से यह पता चलता है।

सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक सरकार राजकोषीय समेकन की ओर बढ़ रही है। अप्रैल-अक्टूबर की तुलना में सुधरे कर संग्रह और पूंजीगत व्यय में कमी के कारण ऐसा हो पाया है।

इक्रा लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च ऐंड आउटरीच की प्रमुख अदिति नायर ने कहा, ‘नवंबर 2023 में राजकोषीय घाटा एक साल पहले के स्तर से आधा था। इस महीने में कर विभाजन कम हुआ, राजस्व व्यय (रेवेक्स) मे संकुचन और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में मामूली वृद्धि हुई थी। कुल मिलाकर इक्रा यह उम्मीद नहीं करता कि वित्त वर्ष 24 में 17.9 लाख करोड़ रुपये राजकोषीय घाटे का लक्ष्य टूटने वाला है। हालांकि केंद्रीय बजट के अनुमान की तुलना में कम नॉमिनल जीडीपी की वजह से राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6 प्रतिशत पर रह सकता है।’

पिछले 2 महीने में कैपेक्स वृद्धि कम रही है, जिसमें वित्त वर्ष 24 के शुरुआती 8 महीने में 31 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि बजट में 37.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान था।

सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार ने अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान बजट में निर्धारित पूंजीगत व्यय का 58.5 प्रतिशत खर्च किया है, जबकि वित्त वर्ष 23 के अप्रैल-नवंबर के दौरान 59.6 प्रतिशत खर्च किया गया था।

अप्रैल-नवंबर के दौरान सरकार का कर राजस्व बजट अनुमान का 61.6 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 63.3 प्रतिशत था। अक्टूबर-नवंबर 2023 में प्रमुख कर संग्रहों में मामूली गिरावट के बाद सकल कर राजस्व में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 21 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्य रूप से कॉर्पोरेशन कर, आयकर और केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ।

इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डीके पंत ने कहा, ‘इंडिया रेटिंग्स के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्तियां 1.9 लाख करोड़ रुपये रह सकती हैं, जो वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान से अधिक होगा। सरकार वित्त वर्ष 24 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर सकती है। बहरहाल नॉमिनल जीडीपी वृद्धि सुस्त रहने के कारण राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6 प्रतिशत के बराबर रह सकता है।’

सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचकर सरकार वित्त वर्ष 24 के अप्रैल नवंबर के दौरान अभी 51,000 करोड़ रुपये बजट लक्ष्य का महज 17 प्रतिशत जुटा सकी है, जबकि वित्त वर्ष 23 के अप्रैल नवंबर के दौरान सरकार ने लक्ष्य का 44 प्रतिशत धन जुटा लिया था।

First Published - December 29, 2023 | 9:47 PM IST

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